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Pakistani NGO: इतिहास का सबसे बड़ा घोटला, भारत की मदद के नाम पर पाक NGOs ने जुटाए करोड़ों रुपए
Pakistani NGO: कोरोना वायरस संकट के दौरान भारत की मदद करने के नाम पर पाकिस्तानी संगठनों ने करोड़ों रुपए जुटाए हैं।
Pakistani NGO: पाकिस्तान का ना-पाक चेहरा एक बार फिर दुनिया के सामने आया है। कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के दौरान भारत की मदद करने के नाम पर पाकिस्तानी संगठनों (Pakistani NGOs) ने करोड़ों रुपए जुटाए हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि संगठन अब इन पैसों को आतंकी गतिविधियों (Terrorist Activities) को बढ़ाने के लिए टेरर फंडिंग (Terrorist Funding) में इस्तेमाल किए जा सकते है है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के दौरान भारत की मदद करने के नाम पर पाकिस्तान से जुड़े कई एनजीओ (NGOs) ने करोड़ों रुपए एकत्रित किए है। इन एनजीओ (NGOs) ने 'हेल्पिंग इंडिया ब्रीद' (Helping India Breath) अभियान शुरू किया था, जिसे अच्छा-खासा रिस्पॉन्स मिला। ये संगठन भारत में कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर्स आदि जैसी सुविधा मुहैया कराने के लिए आर्थिक मदद की अपील की थी, जिसके लिए लोगों ने खुलकर मदद की।
डिस इंफो लैब (DisInfo Lab) की रिपोर्ट में इसे इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला (Scam) करार दिया है और कहा है, "इन संगठनों के रिश्ते पाकिस्तानी सेना द्वारा चलाए जा रहे आतंकी संगठनों (Terrorist Organisations) से काफी अच्छे है।" रिपोर्ट ने दावा किया है कि मदद के नाम पर जुटाए गए ये पैसे आतंकी गतिविधियों और आतंकी हमलों (Terrorist Attacks) में प्रयोग किए जाएंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस कारनामे को अंजाम देने वाले संगठनों में "इमाना" (IMANA) का भी नाम शामिल है। "इमाना" मतलब- इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (Islamic Medical Association of North America)। बताया जा रहा है कि 27 अप्रैल 2021 को इमाना ने इंस्टाग्राम अकाउंट से #Helpindiabreathe अभियान शुरू किया था, जिसमें 1.8 करोड़ डॉलर जुटाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन इस संगठन ने कितनी रकम इकट्ठे किए है, इसकी कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है। डिस इंफो लैब का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर से जुझ रहे भारत की मदद के लिए लगभग 66 अभियान शुरू किए गए थे, जिसमें से एक इमाना भी था। हैरत की बात तो यह कि इस संगठन का भारत में कोई ऑफि नहीं है और ना ही को ब्रांड है, जिसके कारण इसे रकम जुटाने से रोका नहीं गया।