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American Supreme Court: लोगों को खुलेआम बन्दूक ले कर चलने का अधिकार, सुप्रीम अदालत का बड़ा फैसला

American Supreme Court: अमेरिकी सुप्रीमकोर्ट (American Supreme Court) ने एक बड़ा फैसला सुनाया है कि संविधान के दूसरे संशोधन के तहत लोगों को घर के बाहर भी बंदूक ले जाने का अधिकार है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 23 Jun 2022 10:50 PM IST
People in America have the right to openly carry guns
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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट: Photo - Social Media

Lucknow: अमेरिकी सुप्रीमकोर्ट (American Supreme Court) ने एक बड़ा फैसला सुनाया है कि संविधान (Constitution) के दूसरे संशोधन के तहत लोगों को घर के बाहर भी बंदूक ले जाने का अधिकार है। "हथियार रखने और लैस होने" के अधिकार पर अदालत का ये दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय है। इसके पहले 2008 के एक ऐतिहासिक फैसले में, अदालत ने पहली बार कहा था कि संविधान का दूसरा संशोधन किसी व्यक्ति के आग्नेयास्त्र रखने के अधिकार (right to possess firearms) की रक्षा करता है, हालांकि अदालत का निर्णय आत्मरक्षा (Self Defense) के लिए घर पर ही बंदूकें रखने तक सीमित था।

वर्षों तक इस मुद्दे को टालने के बाद अपने फैसले को एक कदम आगे बढ़ाते हुये अदालत ने संविधान के दूसरे संशोधन का दायरा लोगों की प्रॉपर्टी की सीमा से परे लागू किया है। सुप्रीम कोर्ट में 6 न्यायाधीशों ने बहुमत निर्णय दिया जबकि 3 न्यायाधीशों ने असहमति जताई। इस मामले में न्यूयॉर्क का एक कानून शामिल था जिसमें हैंडगन को छुपा कर सार्वजनिक रूप से ले जाने के लिए परमिट हेतु ये बताना पड़ता था कि ऐसा करने के लिए उसे उचित जरूरत है।

छुपा कर हैंडगन ले जाने की इजाजत

वैसे तो न्यूयॉर्क राज्य खुले तौर पर हैंडगन ले जाने पर प्रतिबंध लगाता है, लेकिन उनको छुपा कर हैंडगन ले जाने की इजाजत देता है। लेकिन इसके लिए लाइसेंस लेना जरूरी होता है। यहां छुपाने से मतलब है कि हैंडगन किसी को दिखाई नहीं पड़नी चाहिए।

Photo - Social Media

जिस मुद्दे पर ये मामला सुप्रीमकोर्ट गया उसमें सवाल ये था कि हैंडगन परमिट केवल उन आवेदकों को दिया जा सकता है जिन्होंने इसका उचित कारण बताया हो। ये उचित कारण सिर्फ आत्म-सुरक्षा की सामान्य इच्छा से परे होना चाहिए। इस कानून के खिलाफ राज्य में बंदूक मालिकों ने मुकदमा दायर किया जिसमें ये तर्क दिया गया कि "उचित आवश्यकता" साबित करने के नियम ने आम नागरिकों के लिए लाइसेंस प्राप्त करना लगभग असंभव बना दिया है। उन्होंने तर्क दिया कि कानून ने दूसरे संशोधन को संवैधानिक अधिकार से हटा कर एक सीमित विशेषाधिकार में बदल दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कानून को चुनौती देने वालों के साथ सहमति व्यक्त की और "उचित आवश्यकता" के नियम को समाप्त कर दिया। लेकिन कोर्ट ने राज्यों को बंदूकें ले जाने पर बंदिशें लगाने की अनुमति देने की गुंजाइश छोड़ दी है।

बहुमत की राय लिखने वाले न्यायमूर्ति क्लेरेंस थॉमस ने कहा - दूसरा और चौदहवां संशोधन घर के बाहर आत्मरक्षा के लिए एक हथियार ले जाने के किसी व्यक्ति के अधिकार की रक्षा करता है। न्यूयॉर्क की उचित-कारण आवश्यकता चौदहवें संशोधन का उल्लंघन करती है। ये कानून का पालन करने वाले नागरिकों को आत्मरक्षा के लिए सार्वजनिक रूप से हथियार रखने और रखने के अपने दूसरे संशोधन अधिकार का प्रयोग करने से रोकती है।"

Photo - Social Media

एक अन्य जज ब्रेट कवानुघ ने फैसले में अपनी राय में कहा कि कोर्ट का निर्णय राज्यों को आत्मरक्षा के लिए हैंडगन ले जाने के लिए फिंगरप्रिंटिंग, पृष्ठभूमि की जांच और मानसिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड की जांच जैसी लाइसेंसिंग आवश्यकताओं को लागू करने से नहीं रोकता है।

एक असहमति में न्यायमूर्ति स्टीफन ब्रेयर ने टेक्सास, न्यूयॉर्क और अन्य जगहों पर हाल ही में हुई सामूहिक गोलीबारी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आवश्यक है कि अदालत दूसरे संशोधन के मुद्दों को तय करने में बंदूक हिंसा पर विचार करे।

एनआरए ने स्वागत किया

इस फैसले पर नेशनल राइफल एसोसिएशन के कार्यकारी उपाध्यक्ष वेन लापियरे ने एक बयान में कहा - आज का फैसला पूरे अमेरिका में अच्छे पुरुषों और महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक जीत है और एनआरए के नेतृत्व में दशकों से चली आ रही लड़ाई का परिणाम है। आत्मरक्षा का अधिकार और अपने परिवार और प्रियजनों की रक्षा करने का अधिकार आपके घर पर समाप्त नहीं होना चाहिए।

Shashi kant gautam

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