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Pakistan: अभी तक कोई पीएम अविश्वास प्रस्ताव पर नहीं हारा, हारने पर इतिहास रचेंगे इमरान खान
Imran Khan News: पाकिस्तान के इतिहास में अभी तक नेशनल असेंबली में दो बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है और दोनों बार विपक्ष प्रस्ताव पारित कराने में नाकाम रहा है।
Pakistan: पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद इमरान सरकार (Imran Government) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) पर वोटिंग तय हो गई है। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से बचने के लिए ही इमरान खान ने इसे खारिज करवाकर नेशनल असेंबली भंग करवा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के कदम को पूरी तरह असंवैधानिक बताते हुए नेशनल असेंबली को भी बहाल कर दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का निर्देश भी दिया है।
वैसे एक दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान के इतिहास में अभी तक नेशनल असेंबली में दो बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है और दोनों बार विपक्ष प्रस्ताव पारित कराने में नाकाम रहा है। ऐसे में यदि अविश्वास प्रस्ताव पर इमरान खान की हार होगी तो पाकिस्तान के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब कोई प्रधानमंत्री अविश्वास प्रस्ताव हार जाएगा।
दो पीएम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नाकाम
पाकिस्तान के सियासी जानकारों के मुताबिक अभी तक देश में दो प्रधानमंत्रियों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। पहली बार 1 नवंबर 1989 को तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के खिलाफ विपक्ष की ओर से नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। विपक्षी दलों की ओर से बेनजीर भुट्टो की तगड़ी घेरेबंदी की गई थी मगर आखिरकार विपक्ष इस अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने में नाकाम साबित हुआ था।
पाकिस्तान के इतिहास में दूसरी बार 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शौकत अजीज के खिलाफ विपक्षी दलों ने नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। विपक्षी दलों की सारी तैयारियां इस बार भी धरी की धरी रह गई थीं क्योंकि विपक्ष दूसरी बार भी अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने में नाकाम रहा था।
अब तीसरी बार इमरान पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 9 अप्रैल को इस अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। इस वोटिंग के दौरान अगर इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव पर हार जाते हैं तो वे देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री होंगे जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव पर हार का सामना करना पड़ेगा।
तय मानी जा रही है इमरान की हार
वैसे नेशनल असेंबली के मौजूदा गणित को देखा जाए तो इमरान खान की 9 अप्रैल को सियासी हार तय मानी जा रही है। इमरान खान की अपनी पार्टी पीटीआई के कई सांसद बागी तेवर अपना चुके हैं जबकि सहयोगी दलों के कई सांसद भी उनका साथ छोड़ चुके हैं। जानकारों के मुताबिक मौजूदा समय में इमरान को नेशनल असेंबली के 142 सदस्यों का समर्थन हासिल है।
दूसरी ओर विपक्षी दलों ने अपनी ताकत काफी बढ़ा ली है और विपक्षी दलों के पास 199 सदस्यों का समर्थन है। अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने के लिए विपक्ष को 172 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। यह समर्थन विपक्ष को आसानी से मिलता दिख रहा है। यही कारण है कि नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर इमरान खान की हार तय मानी जा रही है। ऐसे में इमरान खान 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर हारने वाले पहले पीएम बनकर इतिहास रचने की राह पर हैं।
फेल हो गया इमरान का सारा प्लान
पाकिस्तान के सियासी जानकारों का कहना है कि इमरान खान जिस फजीहत से बचना चाहते थे, अब उन्हें उसी फजीहत का सामना करना पड़ेगा। दरअसल इमरान की इच्छा थी कि नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान उन्हें हार का मुंह न देखना पड़े। सियासी हार से बचने के लिए ही उन्होंने डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के साथ मिलकर अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करा दिया था और बाद में राष्ट्रपति के जरिए नेशनल असेंबली भंग करवा दी थी।
उन्होंने विपक्षी दलों के खिलाफ रैलियों का आयोजन भी किया था और इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं को गद्दार बताते हुए आरोप लगाया था कि विदेशी ताकतों के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश रची गई है। दरअसल इमरान खान इस सच्चाई से वाकिफ है कि वोटिंग के दौरान उनकी सियासी हार तय है।
इसीलिए वे अपनी सरकार को कुर्बान करने की नजीर पेश करके लोगों की सहानुभूति बटोरने की कोशिश में जुटे हुए थे मगर उनकी सारी योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया है। अब वे देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री होंगे जिससे अविश्वास प्रस्ताव पर हार के बाद कुर्सी छोड़नी होगी।