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PM Modi Visit : पीएम मोदी पहुंचे ब्रुनेई दारुस्सलाम, यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा
PM Modi Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा पर हैं, अब मंगलवार को ब्रुनेई दारुस्सलाम पहुंचे हैं। यहां क्राउन प्रिंस हाजी अल-मुहतादी बिल्लाह ने एक विशेष सम्मान के रूप में उनका स्वागत किया है
PM Modi Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा पर हैं, अब मंगलवार को ब्रुनेई दारुस्सलाम पहुंचे हैं। यहां क्राउन प्रिंस हाजी अल-मुहतादी बिल्लाह ने एक विशेष सम्मान के रूप में उनका स्वागत किया है।बता दें कि इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आसियान सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए यहां पहुंचे थे, लेकिन द्विपक्षीय वार्ता के लिए ब्रुनेई जाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। भारतीय प्रधानमंत्री की यह यात्रा इसलिए और विशेष मानी जा रही है, क्योंकि दोनों देश इस समय अपने कूटनीतिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार से दक्षिण एशियाई देश ब्रुनेई की यात्रा पर पहुंचे हैं। इस दौरान के दौरान भारत-ब्रुनेई, दोनों देशों के बीच कई व्यापारिक और रणनीतिक सौदों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इसके साथ ही पीएम मोदी कई प्रमुख हस्तियों से मुलाकात कर सकते हैं, जिसमें यहां के सुलतान हसनल बोल्किया का नाम शामिल है। यहां मुलाकात ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बेगवान में होगी। बता दें कि सुलतान हसनल बोल्किया की पहचान सबसे लंबे दिनों तक शासन करने वाले सबसे अमीर शासकों में रूप में है।
भारत-ब्रुनेई का रिश्ता काफी पुराना
भारतीय उच्च आयाेग की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय और ब्रुनेई के रिश्तों की बात करें तो यह कोई नया नहीं है। यहां भारतीयों का आना-जाना सन् 1930 से जारी है। यहां अलग-अलग क्षेत्र में नए-नए मुकाम हासिल कर रहे हैं, ब्रुनेई भी उनके योगदान को मानता है। यही नहीं, कई मौकों पर उनको सम्मानित भी किया जा चुका है। वर्तमान समय में यहां 14,500 भारतीय काम करते हैं, इसमें टीचर्स और डॉक्टर्स की संख्या अधिक है।
यहां भारतीय अलग-अलग क्षेत्र में दे रहे अपना योगदान
ब्रुनेई में 50 फीसदी भारतीय तेल, गैस, खुदरा और निर्माण के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। इसके साथ ही शिक्षा, चिकित्सा और इंजीनियरिंग में भी आगे बढ़ रहे हैं। अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए कई भारतीय प्रवासी सम्मान से भी सम्मानित किए जा चके हैं, इस सम्मान को पाने वाले पहले भारतीय मोहिन्दर सिंह हैं, जिन्हें 2010 में यह सम्मान दिया गया था। इस सम्मान पाने के बाद वह यहां के नागरिक भी बन गए हैं।