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पोप फ्रांसिस की हालत गंभीर, स्वास्थय और बिगड़ने का खतरा

Vatican City: पोप फ्रांसिस की हालत गंभीर है। वेटिकन ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि निमोनिया और फेफड़ों के जटिल संक्रमण के चलते लंबे समय से अस्थमा से संबंधित सांस लेने में दिक्कत का सामना कर रहे हैं।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 23 Feb 2025 8:17 AM IST
Vatican City
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वेटिकन सिटीः पोप फ्रांसिस की हालत गंभीर है। वेटिकन ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि निमोनिया और फेफड़ों के जटिल संक्रमण के चलते लंबे समय से अस्थमा से संबंधित सांस लेने में दिक्कत का सामना कर रहे पोप फ्रांसिस की हालत शनिवार को गंभीर हो गई है। 88 वर्षीय पोप सचेत हैं, उन्हें सांस लेने में मदद करने के लिए ऑक्सीजन का "उच्च प्रवाह" दिया गया है। वेटिकन ने अपडेट में कहा है कि परीक्षणों में प्लेटलेट्स की कम संख्या दिखाई देने के बाद उन्हें रक्त भी चढ़ाया गया है, जो खून के थक्के जमाने के लिए आवश्यक है। डाक्टरों ने कहा है कि वह एनीमिया के शिकार हैं, उनकी हालत कभी भी बिगड़ सकती है।

88 वर्षीय पोप फ्रांसिस को ‘ब्रोंकाइटिस’ की समस्या के बाद 14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था और मंगलवार को डॉक्टरों ने उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया यानी डबल निमोनिया (Double Pneumonia) की पुष्टि की और फिर उस का इलाज किया। इसके साथ ही उनकी सांस नली में ‘पॉलीमाइक्रोबियल’ संक्रमण भी पाया गया।

बयान में कहा गया, "पोप (पवित्र पिता) की हालत गंभीर बनी हुई है, इसलिए, जैसा कि कल (शुक्रवार) बताया गया, पोप खतरे से बाहर नहीं हैं।" 14 फरवरी को अस्पताल में भर्ती होने के बाद से यह पहली है कि फ्रांसिस की स्थिति का वर्णन करने के लिए किसी लिखित बयान में "गंभीर" शब्द का इस्तेमाल किया गया।

डॉक्टरों ने कहा कि फ्रांसिस की उम्र, कमजोरी और पहले से मौजूद फेफड़ों की बीमारी को देखते हुए उनकी हालत चिंताजनक लग रही है। डॉक्टरों को स्थिति को देखते हुए पोप को सेप्सिस की शुरुआत होने की आशंका है, जो कि एक गंभीर स्थिति होगी। डाक्टरों ने चेतावनी दी है कि फ्रांसिस के लिए मुख्य खतरा सेप्सिस की शुरुआत है, जो रक्त का एक गंभीर संक्रमण है जो निमोनिया की जटिलता के रूप में हो सकता है। पोप की मेडिकल टीम ने पोप की स्थिति पर अपने पहले गहन अपडेट में कहा कि शुक्रवार तक, किसी भी सेप्सिस का कोई लक्षण नहीं था, और फ्रांसिस पर उन विभिन्न दवाओं का असर दिख रहा था जो वह ले रहे थे। बयान में यह भी कहा गया कि पोप बेहोश नहीं हैं वह एक्टिव हैं और दर्द के बावजूद उन्होंने कुर्सी पर दिन बिताया।

शनिवार के रक्त परीक्षणों से पता चला कि उनमें प्लेटलेट काउंट कम हो गया है, जिसे प्लेटलोपेनिया या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है। प्लेटलेट्स कोशिका जैसे टुकड़े होते हैं जो रक्त में घूमते हैं जो रक्तस्राव को रोकने या घावों को ठीक करने में रक्त के थक्के बनाने में मदद करते हैं। यू.एस. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, कम प्लेटलेट काउंट कई चीजों के कारण हो सकता है, जिसमें दवाओं के दुष्प्रभाव या संक्रमण भी शामिल हैं।



Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

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