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Bangladesh Violence: विदेशी ताकतों का सक्रिय हाथ, जमात का पाकिस्तानी कनेक्शन

Bangladesh Violonce: कुछ ही दिन पहले बांग्लादेश के नागरिक समाज ने ढाका स्थित पाकिस्तान उच्चायोग पर देश में कट्टरपंथी छात्र प्रदर्शनकारियों को मौन समर्थन और सक्रिय मार्गदर्शन देकर देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था।

Neel Mani Lal
Published on: 5 Aug 2024 8:30 PM IST
Bangladesh Violence
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Bangladesh Violence: बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन के पीछे विदेशी हाथ होने की संभावना है। भारत के पूर्व उच्चायुक्त एवं विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा है कि अवसरवादी तत्व, चाहे वह विपक्षी बीएनपी हो या कट्टरपंथी पाकिस्तान समर्थक जमात-ए-इस्लामी, बहुत सक्रिय हैं। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों में हिंसा को शामिल किया है। बांग्लादेश की अराजकता में विदेशी शक्तियों की भागीदारी से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे तत्व बांग्लादेश के हितों और स्पष्ट रूप से हमारे सुरक्षा हितों के लिए भी शत्रुतापूर्ण हैं। आप इस तथ्य से इंकार नहीं कर सकते कि कुछ हित अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा - ऐसा प्रतीत होता है कि छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण यह संकट पैदा हुआ है, लेकिन मुख्य रूप से यह आर्थिक संकट है जो कोरोना के बाद से पनप रहा है।कोरोना ने बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है। यूक्रेन संघर्ष के कारण ईंधन से लेकर खाद्य पदार्थों और उर्वरकों तक आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उछाल आया है, जिनका बांग्लादेश आयात करता है। उनके पास भुगतान संतुलन की बहुत कठिन स्थिति है। मुद्रास्फीति 17 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि यह सब अब ऐसी स्थिति में आ गया है, जहां लोग, खासकर युवा सड़कों पर अपनी हताशा व्यक्त कर रहे हैं।


पाकिस्तान पर आरोप

कुछ ही दिन पहले बांग्लादेश के नागरिक समाज ने ढाका स्थित पाकिस्तान उच्चायोग पर देश में कट्टरपंथी छात्र प्रदर्शनकारियों को मौन समर्थन और सक्रिय मार्गदर्शन देकर देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। कई रिपोर्टों से पता चला है कि पाकिस्तान मिशन पाकिस्तान समर्थक जमात से जुड़े छात्र प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग के संपर्क में है। बांग्लादेश की हसीना सरकार ने जमात ए इस्लामी को प्रतिबंधित किया हुआ है। इकॉनमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में पहले ही कहा गया था कि जमात ए इस्लामी की छात्र शाखा "इस्लामी छात्र शिबिर' ने हसीना विरोधी आंदोलन को हाईजैक कर लिया है। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि जमात और बीएनपी का लक्ष्य सड़कों पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा के माध्यम से सत्ता पर कब्जा करना और आतंक का राज कायम करना है।


शेख हसीना ने आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान हिंसक गतिविधियों और अन्य उग्रवादी समूहों के साथ मिलीभगत के लिए बार-बार जमात को दोषी ठहराया है। सरकार ने संदेह जताया था कि जमात पाकिस्तानी सेना की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए काम करती है। सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने तर्क दिया था कि सरकार को जमात पर बहुत पहले ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए था। अपना पंजीकरण खोने के बावजूद, जमात पिछले कुछ वर्षों में बीएनपी के नेतृत्व वाले 20-पार्टी गठबंधन और अन्य विपक्षी गुटों के सहयोगी के रूप में राजनीतिक रूप से काम करना जारी रखा है।



Shalini singh

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