ट्रंप ने मांगा हार्वर्ड से पैसा, मिला निराश करने वाला जवाब

ट्रंप ने कहा कि दुनिया के सबसे धनी विश्वविद्यालय हार्वर्ड ने लाखों करोड़ों का धन हासिल किया है। उसे वह तुरंत सरकार को वापस कर दे।

Aradhya Tripathi
Published on: 22 April 2020 8:36 AM GMT
ट्रंप ने मांगा हार्वर्ड से पैसा, मिला निराश करने वाला जवाब
X

दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है अमेरिका। क्या आपको लगता है कि अमेरिका की आर्थिक स्थिति भी ऐसी हो सकती है जो वो किसी से पैसे मांगे। लेकिन ऐसा हुआ है। अमेरिका की इकॉनमी को सुधारने के लिए दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया की सबसे अमीर यूनिवर्सिटी हार्वर्ड देश की इकॉनमी को सुधारने के लिए सरकार को पैसा देने को कहा। लेकिन यूनिवर्सिटी की ओर से ट्रम्प को ऐसा जवाब मिला जो शायद अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं सोचा होगा।

ट्रंप ने कहा हार्वर्ड पैसा वापस करे

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कहा गया कि दुनिया के सबसे धनी विश्वविद्यालय हार्वर्ड ने लाखों करोड़ों का धन हासिल किया है। और ऐसे समय में जब देश की अर्थव्यवस्था को पैसे की जरुरत है तो विश्वविद्यालय को वह पैसा सरकार को वापस करना चाहिए। ताकि देश की इकॉनमी सुचारू रूप से चल सके। दरअसल यह सारा मामला देश में फैले कोरोना वायरस के घनघोर संकट की वजह से है। कोरोना वायरस के चलते देश में साड़ी सेवायें व सुविधाएं बाधित है। ऐसे में अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश की अर्थव्यवस्था भी उस तरीके से सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है।

ये भी पढ़ें- भट्ठों पर ईंट को आग में डालने से पहले अंतिम रूप देते कारीगर, देखें तस्वीरें

ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोना पर अपनी डेली ब्रीफिंग में कहा कि हार्वर्ड, आप उस पैसे को वापस भुगतान करे। राष्ट्रपति ट्रंप ने सख्त लहजा अख्तियार करते हुए कहा मैं चाहता हूं कि हार्वर्ड पैसे वापस दे, ठीक है? और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम कुछ और करेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यह बिलकुल पसंद नहीं, यह पैसा यह श्रमिकों के लिए है। न कि दुनिया के सबसे अमीर संस्थानों में से एक के लिए।

यूनिवर्सिटी ने दिया ये जवाब

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ऐसा कहा जाने के बाद जवाब देते हुए कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स-स्थित यूनिवर्सिटी की ओर से ट्वीट किया गया कि उसे ऐतिहासिक $ 2.2 ट्रिलियन पैकेज की जगह $ 8.6 मिलियन आवंटित किया गया था। विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया कि कोविड -19 महामारी के कारण छात्रों को तत्काल वित्तीय जरूरतों का सामना करना पड़ रहा है। यूनिवर्सिटी ने साफ़ कहा कि यह सारा 100 परसेंट धन छात्रों को दिया जाएगा।

ये भी पढ़ें- आज होगा चमत्कार: उल्का की बारिश से चमकेगा पूरा आसमां, अद्भत होगा नजारा

यूनिवर्सिटी ने जोर देकर कहा कि यह पैसा छोटे व्यापार राहत के लिए पेचेक सुरक्षा कार्यक्रम के तहत नहीं आया। यूनिवर्सिटी की ओर से आगे कहा गया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने सही कहा है कि छोटे व्यवसायों के संघर्ष बीच हमारे लिये यह ठीक नहीं होगा कि हम सरकार से फंड लें। हालांकि विश्वविद्यालय की ओर से ट्रंप के बयान पर कुछ स्पष्ट नहीं कहा गया।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

Next Story