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सबसे बूढ़े राष्ट्राध्यक्ष का सबसे युवा मंत्री

raghvendra
Published on: 12 Oct 2018 8:11 AM GMT
सबसे बूढ़े राष्ट्राध्यक्ष का सबसे युवा मंत्री
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कुआलालंपुर: इस साल दुनिया में जिन बातों की खूब चचाई हुई उनमें मलेशिया का चुनाव परिणाम भी शामिल है। इसका कारण था 93 साल की उम्र में महातिर मोहम्मद की सत्ता में वापसी। 93 वर्षीय महातिर मोहम्मद दुनिया के सबसे उम्रदराज राष्ट्राध्यक्ष हैं। अब उम्रदराज महातिर ने एक चौंकाने वाला काम किया है। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में एक 25 साल के युवा को जगह दी है। जी हां, 25 साल की उम्र में ही सैयद सादिक सैयद अब्दुल रहमान देश के खेल मंत्री बन गए हैं।

हमेशा जुटा रहते हैं काम में

कैबिनेट मंत्री बनने के बाद सादिक मीडिया व लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। आसानी से लोगों के बीच घुल-मिल जाने वाले सादिक खेलों के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने देश में वोटिंग की उम्र को घटाने में अहम भूमिका निभाई है। यही कारण है कि अब मलेशिया की राजनीति में इस युवा शख्स को बड़े-बड़े नेता गंभीरता से लेने लगे हैं। सबको लोगों पर सादिक की मजबूत पकड़ दिखने लगी है।

सादिक सुबह से लेकर शाम तक पूरी तरह सक्रिय बने रहते हैं। अपनी दिनचर्या की चर्चा करते हुए वे बताते हैं कि सोमवार से शुक्रवार मैं सरकारी कामों में बुरी तरह व्यस्त रहता हूं।

शुक्रवार की शाम को मैं पुतराजाया (मलेशिया की प्रशासनिक राजधानी) से दो घंटे की ड्राइव कर अपने क्षेत्र मौर आ जाता हूं। वे अपने क्षेत्र के लोगों से प्यार करते हैं और उनकी समस्याएं सुलझाने पर ध्यान देते हैं। वे कहते हैं कि यहां के लोगों की समस्याएं सुलझाना मेरी प्राथमिकता है। सादिक का कहना है कि मैं कई बार कई निवेशकों को भी अपने क्षेत्र में लाता हूं ताकि वह वहां पर निवेश करें और क्षेत्र की तरक्की में हिस्सेदार बनें।

सादिक ने बना दिया रिकॉर्ड

इतनी कम उम्र में कैबिनेट मंत्री बनकर सैयद सादिक ने एक रिकॉर्ड बना दिया है। सादिक सबसे कम उम्र में किसी भी देश के कैबिनेट मंत्री बनने वाले शख्स हो गए हैं। वह मलेशियन यूनाइटेड इंडीजीनियर्स पार्टी के सदस्य हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के साथ काम करने का सादिक को फायदा मिला। वे जब चुनाव लड़ रहे थे तो उनके विरोधी उन्हें चिढ़ाया करते थे मगर सादिक ने कभी आपा नहीं खोया। उन्हें चुनाव में मलेशिया में जिस सीट से खड़ा किया गया था, वहां उनके विरोधी उम्मीदवार ने उन्हें बच्चा कहकर चिढ़ाया था, लेकिन सादिक इस उम्र में भी काफी समझदार हैं। उन्होंने विनम्रता से इसका जवाब देते हुए उन्हें थैंक्यू लिखा और यह भी कहा कि वह हमेशा बच्चा बने रहना चाहते हैं।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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