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चीन में तीसरी ताजपोशी से पहले जिनपिंग का भारी विरोध, तानाशाही के खिलाफ लगे बैनर, बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां
Chinese President Xi Jinping: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तीसरी ताजपोशी से पहले देश में उनका भारी विरोध शुरू हो गया है।
New Delhi: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तीसरी ताजपोशी से पहले देश में उनका भारी विरोध शुरू हो गया है। चीन में सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 16 अक्टूबर को होने वाली राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक में जिनपिंग की तीसरी बार ताजपोशी तय मानी जा रही है। दूसरी ओर राजधानी बीजिंग में लगे बैनर में जिनपिंग को तानाशाह बताते हुए उनके खिलाफ सड़कों पर उतरने का आह्वान किया गया है।
इसे देखते हुए माना जा रहा है कि जिनपिंग के लिए तीसरी पारी आसान नहीं होगी। जिनपिंग के खिलाफ विरोध के स्वर काफी दिनों से सुने जा रहे हैं और इसी कारण चीन की पुलिस ने पिछले जून महीने से ही लोगों की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू कर रखा है। अब तक लाखों लोगों को देश की विभिन्न जेलों में ठूंसा जा चुका है मगर फिर भी विरोध के स्वर थमते नहीं दिख रहे हैं।
तीसरी पारी पर जल्द लगेगी मुहर
चीन में पिछले दिनों जिनपिंग के नजरबंद होने की अफवाह भी काफी जोरों पर फैली थी। दरअसल जिनपिंग शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के बाद कई दिनों तक नहीं दिखे थे। हालांकि बाद में पता चला कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के कारण उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बनाई थी। अब चीन में तीसरी बार जिनपिंग की ताजपोशी की तैयारियां चल रही हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक 16 अक्टूबर को होने वाली है। जानकारों का मानना है कि इस बैठक के दौरान जिनपिंग के नाम पर एक बार फिर मुहर लग सकती है।
इस बीच राजधानी बीजिंग के हैदियान जिले में एक फ्लाईओवर पर जिनपिंग के खिलाफ मंदारिन भाषा में लिखे एक बैनर की तस्वीर वायरल हो रही है। इस बैनर में जिनपिंग को तानाशाह बताते हुए उनके खिलाफ सड़कों पर उतरने का आह्वान किया गया है। एक दूसरे बैनर में कोरोना टेस्ट नहीं बल्कि देश के लोगों को खाना मुहैया कराने की बात कही गई है। बीजिंग के अन्य इलाकों में भी इस तरह के बैनर और पोस्टर देखे गए हैं।
जून से ही चल रहा है गिरफ्तारी अभियान
चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से लगाई गई तमाम पाबंदियों के कारण खबरें बाहर नहीं आ पातीं। इसी कारण जिनपिंग का विरोध किस स्तर पर हो रहा है,इसकी भी सही जानकारी दुनिया को नहीं मिल पा रही है। राजधानी में लगे इन बैनरों से साफ है कि जिनपिंग को तीसरी पारी के दौरान कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
चीन में जिनपिंग के भारी विरोध की बात पहले भी सामने आती रही है। इसी कारण चीन की पुलिस ने विरोध करने वालों के खिलाफ जून महीने से ही बड़ा अभियान छेड़ रखा है। जानकारों का कहना है कि अभी तक करीब 14 लाख लोगों को देश की विभिन्न जेलों में बंद किया जा चुका है। देश में धरपकड़ का दौर अभी जारी है और आने वाले दिनों में गिरफ्तार लोगों की संख्या और बढ़ सकती है। बीजिंग की सड़कों पर बैनर लगाने वालों की भी चीन की पुलिस तलाश कर रही है। हालांकि अभी तक पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो सकी है।
बीजिंग में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक से पहले राजधानी में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है। दूसरे राज्यों से भी बुलाकर बीजिंग में हजारों पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक स्थल के आसपास सेना की तैनाती की गई है। राजधानी में व्यापक स्तर पर जांच पड़ताल का अभियान छेड़ा गया है।
सूत्रों का कहना है कि चीन की पुलिस की ओर से विरोध के हर स्वर को दबाने की कोशिश की जा रही है। चीन में 1949 से ही कम्युनिस्ट पार्टी का शासन है। चीन की सरकार पर मानवाधिकारों के उल्लंघन और लोगों की आवाज कुचलने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। देश में वही तरीका एक बार फिर अपनाया जा रहा है।