US Presidential Election: मिशिगन में कमला हैरिस के साथ हो गया बड़ा खेल,ट्रंप को इस कारण मिला मुस्लिमों का समर्थन

US Presidential Election: मिशिगन प्रांत में आमतौर पर डेमोक्रेटिक पार्टी को ही समर्थन मिलता रहा है मगर इस बार तस्वीर बिल्कुल बदली हुई है। अब तक मिले नतीजे में डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़त बना रखी है जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी की कमल हैरिस पीछे चल रही हैं।

Anshuman Tiwari
Published on: 6 Nov 2024 10:20 AM GMT
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US Presidential Election: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस को पछाड़ दिया है। कमला हैरिस की इस हार में मुस्लिम वोटों को बड़ा कारण माना जा रहा है। अमेरिकी नागरिकता हासिल करने वाले मुस्लिम मतदाता मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन की इजराइल नीति को लेकर काफी नाराज चल रहे थे।

उनका मानना था कि बाइडेन गाजा में सीजफायर नहीं करा पाए और वे लगातार इजराइल को बढ़ावा देने में जुटे रहे। जानकारों का कहना है कि अमेरिकी राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले में मिशिगन प्रांत का नतीजा इसी कारण उलट गया जिससे डोनाल्ड ट्रंप बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे।

डेमोक्रेटिक पार्टी के गढ़ में ट्रंप की सेंधमारी

मिशिगन प्रांत में आमतौर पर डेमोक्रेटिक पार्टी को ही समर्थन मिलता रहा है मगर इस बार तस्वीर बिल्कुल बदली हुई है। अब तक मिले नतीजे में डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़त बना रखी है जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी की कमल हैरिस पीछे चल रही हैं। अब तक की गई गणना के मुताबिक रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप को 52.3 फीसदी वोट मिले हैं जबकि कमला हैरिस मिशिगन में 46 फ़ीसदी वोट ही हासिल कर सकी हैं। ट्रंप ने मिशिगन में कमला हैरिस पर करीब दो लाख वोटों की बढ़त बनाई है। इसी कारण माना जा रहा है की डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपना एक मजबूत गढ़ खो दिया है जबकि रिपब्लिकन पार्टी ने अपने मजबूत गढ़ों के अलावा मिशिगन में भी सेंधमारी करके बढ़त बनाने में कामयाबी हासिल की है।

बाइडेन की इजराइल नीति को लेकर नाराजगी

मिशिगन प्रांत में काफी संख्या में मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका के लोग रहते हैं। इनमें करीब दो लाख अमेरिकी मुस्लिम वोटर भी शामिल है। इन लोगों ने पिछले दिनों आंदोलन छेड़ते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी का विरोध किया था। दरअसल वे डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की इजराइल नीति को लेकर संतुष्ट नहीं थे। उनका मानना था कि बाइडेन न की इजराइल नीति पूरी तरफ फ्लॉप साबित हुई है।

पहले ही कर रखा था विरोध का ऐलान

बाइडेन का विरोध करने वाले इन अमेरिकी मतदाताओं का कहना था कि वे गाजा में सीजफायर करने में विफल साबित हुए और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लगातार इजराइल को बढ़ावा दिया। उन्होंने पहले ही अपना विरोध जताने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के खिलाफ मतदान करने का ऐलान कर रखा था।

डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी के रूप में कमला हैरिस को चुनाव मैदान में उतारे जाने के बाद भी उन्होंने समर्थन न देने की बात कही थी। अब उन्होंने वास्तविकता में ट्रंप के के पक्ष में मतदान करके उनकी विजय का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।

ट्रंप का जंग रुकवाने का वादा

अमेरिकी नागरिक बन चुके मुस्लिम मतदाताओं का कहना था कि बाइडेन प्रशासन मुसलमानों का नरसंहार रोकने में पूरी तरह विफल साबित हुआ। मुसलमानों के खिलाफ एक्शन के लिए अमेरिका ने बाइडेन प्रशासन ने इजराइल की पूरी मदद की। दूसरी ओर अपने चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया था कि वे अमेरिका राष्ट्रपति बनने पर इस जंग को रुकवाएंगे। ट्रंप के इस बयान ने मुस्लिम मतदाताओं को प्रभावित किया। अभी तक डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन करने वाले मुस्लिम मतदाता इसी कारण रिपब्लिकन पार्टी के पक्ष में शिफ्ट हो गए।

सियासी जानकारों की ओर से पहले ही इस बात का अनुमान लगाया गया था कि अमेरिका में रहने वाले भारतीय मुस्लिम और अफ्रीकी मुल्कों के अमेरिकी नागरिक इस बार रिपब्लिकन पार्टी को समर्थन दे सकते हैं। चुनाव नतीजे से साफ हो गया है कि यह पूर्वानुमान बिल्कुल सही साबित हुआ है और ट्रंप की जीत में इसकी बड़ी भूमिका रही है। मिशिगन में इलेक्टोरल कॉलेज की संख्या 15 है और इसने चुनाव नतीजे को काफी हद तक प्रभावित किया है।

Shalini singh

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