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Politicians of Indian Origin: ब्रिटेन में सुनक, आयरलैंड में वराडकर और अब स्कॉटलैंड में हमज़ा यूसुफ- ब्रिटिश साम्राज्य का

Politicians of Indian Origin: स्कॉटलैंड के मुख्य विपक्ष के नेता अनस सरवर भी पाकिस्तानी अप्रवासियों की संतान हैं। ब्रिटेन की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन भी भारतीय मूल की हैं, जबकि लंदन के मेयर सादिक खान का जन्म एक पाकिस्तानी अप्रवासी परिवार में हुआ था।

Neel Mani Lal
Published on: 28 March 2023 11:08 PM IST
Politicians of Indian Origin: ब्रिटेन में सुनक, आयरलैंड में वराडकर और अब स्कॉटलैंड में हमज़ा यूसुफ- ब्रिटिश साम्राज्य का
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ब्रिटेन में ऋषि सुनक, आयरलैंड में वराडकर और अब स्कॉटलैंड में हमज़ा यूसुफ: Photo- Social Media

Politicians of Indian Origin: स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) के नेता के रूप में चुने जाने के साथ हमज़ा यूसुफ अब स्कॉटिश सरकार के पहले अश्वेत प्रमुख बनकर इतिहास रच सकते हैं। जब हमज़ा यूसुफ ने 2016 में स्कॉटिश संसद में निष्ठा की शपथ ली, तो वह सोने की कढ़ाई वाली शेरवानी और जैकेट पहने हुए थे। उन्होंने गर्व से उर्दू में शपथ ली थी और कहा था कि - मैं हमेशा वफादार रहूंगा और महामहिम महारानी एलिजाबेथ के प्रति सच्ची निष्ठा रखूंगा, इसलिए भगवान मेरी मदद करें।

ब्रिटिश मूल के 37 वर्षीय यूसुफ के पूर्वज पाकिस्तान में हैं। यूसुफ की जीत इस बात का ताजातरीन उदहारण है कि दक्षिण एशियाई मूल के लोग अब ब्रिटिश, स्कॉटिश और आयरिश संसदों में नेतृत्व की भूमिका में आ गए हैं। यूसुफ के अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और आयरलैंड गणराज्य के प्रधानमंत्री लियो वराडकर का उदहारण हमारे सामने है। वराडकर के पिता भारत में जन्मे डॉक्टर हैं।

जो कभी गुलाम देश था

भारत कभी उस ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था जो दुनिया भर में इतनी दूर तक फैला हुआ था कि अक्सर ये कहा जाता था कि इस साम्राज्य में सूरज कभी नहीं डूबता है। लेकिन ब्रिटिश राज की समाप्ति के 75 साल बाद अब समय का चक्र घूम चुका है। जो कभी गुलाम देश हुआ करता था वहीं के लोग ‘साम्राज्य’ के शीर्ष पर हैं।

दक्षिण एशियायी लोगों की सफलता

ऐसा मान सकते हैं कि हमजा यूसुफ की जीत विश्व स्तर पर आकार लेने वाले एक व्यापक आंदोलन का हिस्सा है, जिसे पहले केवल अनौपचारिक रूप से स्वीकार किया गया था। सुनक ने इसी तरह भारतीय मूल के ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यूनाइटेड किंगडम की आबादी का 10 फीसदी दक्षिण एशियाई मूल के हैं।

स्कॉटलैंड के मुख्य विपक्ष के नेता अनस सरवर भी पाकिस्तानी अप्रवासियों की संतान हैं। ब्रिटेन की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन भी भारतीय मूल की हैं, जबकि लंदन के मेयर सादिक खान का जन्म एक पाकिस्तानी अप्रवासी परिवार में हुआ था। जबकि ब्रिटेन में अल्पसंख्यकों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व में सुधार हुआ है, लेकिन नस्लवाद अभी भी व्याप्त है। युसुफ की जीत का सोशल मीडिया पर धुर दक्षिणपंथी सदस्यों ने नस्लवादी टिप्पणियों के साथ स्वागत किया।

पाकिस्तानी पूर्वज

यूसुफ के पिता का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के शहर मियां चन्नू में हुआ था। उनकी मां का जन्म केन्या के नैरोबी में हुआ था, वह भी एक पंजाबी परिवार की थीं। 1960 के दशक में यूसुफ़ के माता पिता स्कॉटलैंड चले गए थे। स्कॉटलैंड के एक अखबार को 2018 में दिए एक इंटरव्यू में यूसुफ ने बताया था कि कैसे उनकी मां के परिवार को पूर्वी अफ्रीकी शहर में नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्हें स्थानीय आबादी से नौकरी छीनने वालों के रूप में देखा गया था। उन्होंने कहा कि स्थितियां इतनी खराब हो गईं थीं कि एक बार उनकी दादी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। वह बच गई, लेकिन तब परिवार ने देश छोड़ने का फैसला कर लिया।

यूसुफ ने कहा, यह फिर कहीं दूर चले जाने का समय था। इत्तेफाक से उसी दौरान ब्रिटेन ने कॉमनवेल्थ के लोगों के लिए ब्रिटेन में आने और औद्योगिक नौकरियां करने का आह्वान किया था। सो, वे लोग स्कॉटलैंड आ गए जहाँ 1985 में ग्लासगो में यूसुफ का जन्म हुआ। वह अपने प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले दो जातीय अल्पसंख्यक विद्यार्थियों में से एक थे। यूसुफ के पेरेंट्स चाहते थे कि वह अकाउंटेंट, डॉक्टर या वकील बनें लेकिन यूसुफ ने अपने माता-पिता से कहा कि वह पॉलिटिक्स में जाना चाहते हैं।

स्कॉटिश राष्ट्रवादियों ने देश के अगले नेता के रूप में हमजा यूसुफ को चुना, है और वह स्कॉटिश संसद में अनुमोदन वोट जीतने के बाद अर्ध-स्वायत्त सरकार के प्रमुख के रूप में पदभार संभालेंगे। अपने लक्ष्यों को निर्धारित करते हुए, यूसुफ ने कहा कि वह जीवनयापन की लागत से निपटने, पार्टी में विभाजन को समाप्त करने और स्वतंत्रता के लिए नए सिरे से प्रयास करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। परिणाम घोषित होने के बाद एडिनबर्ग में एक भाषण में उन्होंने कहा - स्कॉटलैंड के लोगों को अब आजादी की जरूरत है, पहले से कहीं ज्यादा और हम आजादी दिलाने वाली पीढ़ी होंगे।

यूसुफ़ ने इंटरव्यू में बताया कि – जब वह ग्लासगो यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे तभी वह एसएनपी में शामिल हो गए। वह पार्टी में आगे बढ़ते रहे और 2011 में संसद के सदस्य बन गए। इसके बाद वह स्कॉटिश सरकार में सेवा करने वाले पहले मुस्लिम और गैर-श्वेत कैबिनेट मंत्री बने। उन्होंने अक्सर कहा है कि उनकी अपनी पृष्ठभूमि स्कॉटलैंड के सामाजिक रूप से उदार और जातीय रूप से विविध परिदृश्य का एक उदाहरण है, वह खुद को "भांगड़ा और बैगपाइप" की विरासत वाला कहते हैं। भांगड़ा पंजाब का पारंपरिक लोक संगीत है जबकि बैगपाइप स्कॉटलैंड का वाद्य यंत्र है।

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