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Rishi Sunak: ऋषि सुनक के बयान पर बवाल, ट्रांसजेंडर महिलाओं के लिए कही थी ये बात
ट्रांसजेंडर महिलाओं पर सुनक के दिए गए पुराने बयान इन दिनों ब्रिटिश मीडिया के एक तबके में चर्चा का विषय बना हुआ है। ब्रिटेन में लोग उन्हें ट्रांसजेंडर विरोधी के तौर पर देखते हैं।
Rishi Sunak: भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्राइम मिनिस्ट बनकर इतिहास रचने वाले ऋषि सुनक (Rishi Sunak) सुर्खियों में छाए हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया के साथ – साथ भारत की मीडिया में भी उनके बारे में प्रमुखता से खबरें प्रकाशित हो रही हैं। सुनक को लेकर ब्रिटिश जनता में काफी उम्मीदे हैं, जो इन दिनों कठिन आर्थिक परिस्थितियों का सामना कर रही है। कोरोना के दौरान ऋषि सुनक ने आर्थिक मुद्दों पर देश में अपनी बेहतर छवि अपनाई है। सुनक के प्रधानमंत्री दफ्तर आने को लेकर थर्ड जेंडर के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले लोग ज्यादा उत्साहित नहीं हैं।
ऋषि सुनक का एलजीबीटी समुदाय के प्रति नजरिया
इसका कारण है ऋषि सुनक का एलजीबीटी समुदाय के प्रति नजरिया। ट्रांसजेंडर महिलाओं पर सुनक के दिए गए पुराने बयान इन दिनों ब्रिटिश मीडिया के एक तबके में चर्चा का विषय बना हुआ है। ब्रिटेन में लोग उन्हें ट्रांसजेंडर विरोधी के तौर पर देखते हैं। सुनक जब इस साल की गर्मियों में बोरिस जॉनसन के कुर्सी छोड़ने के बाद पीएम पद पर अपनी दावेदारी जता रहे थे, तब उन्होंने अपने एक बयान में ट्रांस महिलाओं को महिला मानने से इनकार कर दिया था।
जेंडर न्यूट्रल शब्द के खिलाफ सुनक
ऋषि सुनक के एक सहयोगी ने एक अखबार से बातचीत के दौरान पिछले दिनों कहा था कि सुनक जेंडर न्यूट्रल शब्द के खिलाफ हैं। अगर वे प्रधानमंत्री बनते हैं तो महिला खेल स्पर्धाओं में ट्रांसडेंडर महिलांओं के हिस्सा लेने का विरोध करेंगे। साथ ही वे लिंग और जेंडर संबंधी मुद्दों की पढ़ाई के मामले में स्कूलों को सतर्क करेंगे।
हालांकि, ऋषि सुनक ने एक और ब्रिटिश अखबार के साथ साक्षात्कार के दौरान दावा किया था कि वे ब्रिटेन को महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह बनाएंगे। उन्होंने ये बात एलजीबीटी प्लस समुदाय के लिए भी कही। उन्होंने सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी पर ट्रांसजेंडर विरोधी होने के आरोपों को सिरे से खारिज किया था।
ट्रांसजेंडर विरोधी माना जाती है कंजरवेटिव पार्टी
ब्रिटेन की मौजूदा सत्तारूढ कंजरवेटिव पार्टी विपक्षी लेबर पार्टी के मुकाबले ट्रांसजेंडर समुदाय को लेकर थोड़ा तंग नजरिया रखती है। पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन जब तक पीएम रहे, उन्होंने इस मसले पर रूढिवादी रूख का समर्थन किया। बाद के दिनों में नए प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल हुए ऋषि सुनक, पेनी मॉरडॉन्ट और लिज ट्रस भी इसी सोच को आगे बढ़ाते नजर आए। दो माह के अंदर पीएम पद से इस्तीफा देने वाली लिज ट्रुस ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए लिंग परिवर्तन के अवसर को आसान बनाने का विरोध कर चुकी हैं।
सबसे हैरान कर देने वाला यू – टर्न पीएम पद की रेस में रहीं पेनी मॉरडॉन्ट ने लिया था। मॉरडॉन्ट अतीत में ट्रांसजेंडर अधिकारों का समर्थन कर चुकी हैं। तब उन्होंने कहा था कि ट्रांस-महिलाएं भी महिला है। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान उनका रूख बदल गया। पेनी मॉरडॉन्ट ने मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ट्रांस-महिलाएं कानूनी तौर पर भले महिला मानी जाएं, मगर उसका ये अर्थ नहीं कि वो मेरी तरह बॉयोलोजिकल महिला है।