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दुनिया में अपने घर से बेघर या विस्थापित हैं 7 करोड़ लोग

seema
Published on: 22 Jun 2018 1:15 PM IST
दुनिया में अपने घर से बेघर या विस्थापित हैं 7 करोड़ लोग
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न्यूयार्क : दुनिया में अपने घर से बेघर या विस्थापित लोगों की संख्या रिकार्ड उच्चतम लेवल पर पहुंच गयी है। 2017 में 6 करोड़ 85 लाख लोग दुनिया में विस्थापति हुए। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट इस बात की भी तस्दीक करती है कि अमीर देशों द्वारा अब शरणार्थियों का उस तरह खुले दिल से स्वागत नहीं किया जा रहा है जैसा पहले कभी किया जाता था। सीरिया, दक्षिण सूडान, कांगो और म्यांमार में चल रहा संघर्ष ही लोगों के एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का सबसे बड़ा कारण है। यूएन की रिपोर्ट के अनुसार अपना देश छोड़ कर दूसरे देश में भाग जाने वालों की संख्या 2016 में 29 लाख से भी ज्यादा बढ़ी है। यूएन की एजेंसी के इतिहास में किसी एक साल में विस्थापितों की इतनी ज्यादा संख्या नहीं देखी गयी।

लेकिन एक बड़ी हैरत की बात ये भी है कि यूएन के शरणार्थियों के पुनर्वास कार्यक्रम के तहत सफलतापूर्वक पुनर्वास कराये गये लोगों की संख्या 40 फीसदी से ज्यादा घट गयी। बीते साल मात्र एक लाख लोग की पुनर्वासित कराये जा सके। इसका कारण विश्व में राष्ट्रवाद और अपने में सिमट कर रहने की भावना का प्रसार होना है।

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वल्र्ड रिफ्यूजी डे पर यूएन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 2017 में 2 करोड़ 54 लाख शरणार्थी और 4 करोड़ 31 लाख लोग आंतरिक रूप से विस्थापित थे। इन दोनों को मिला दिया जाये तो यह पृथ्वी के प्रति 110 लोगों में एक इनसान का अनुपात होता है। 2017 में 1 करोड़ 62 लाख लोग अपने घरों के बेघर कर दिये गये। यानी एक दो सेकेंड पर एक नया व्यक्ति विस्थापित हुआ।

इस साल शरण मांगने वालों की संख्या 30 लाख से भी ज्यादा हो गयी। दुनिया में बड़ी संख्या में शरणार्थी लेबनान, जार्डन, तुर्की, यूगांडा औव बांग्लादेश से सटे देशों में पड़े हुए हैं। शरणार्थियों के लिये संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रांदी का कहना है कि शरणार्थियों की समस्या जितनी विकराल है उसकी तुलना में इसके समाधान की दिशा में अंतरराष्ट्रीय रिस्पांस नहीं मिल रहा है। ग्रांदी के अनुसार विश्व में जितनी जनसंख्या विस्थापित है उसका 53 फीसदी बच्चे हैं। इनमें बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो अपने परिवारों से बिछड़ गये हैं।

यूएन की रिपोर्ट में खास तौर पर रोहिंगिया शरणार्थियों का उल्लेख किया गया है। साढ़े छह लाख से ज्यादा रोहिंगिया म्यांमार से भाग कर बांग्लादेश में शरण लिये हुए हैं। विश्व में इस समय सबसे ज्यादा शरणार्थी 63 लाख - सीरिया से हैं। इसके बाद 26 लाख लोगों के साथ अफगानिस्तान का नंबर है। सूडान के 24 लाख लोग म्यांमार के 12 लाख और 9 लाख 86 हजार शरणार्थी सोमालिया के हैं।

रिपोर्ट के अनुसार भूमध्य सागर पार करके यूरोप में प्रवेश का प्रयास करने वालों की संख्या 2016 की तलना में घटी है। रिपोर्ट के अनुसार शरण चाहने वालों की सबसे ज्यादा अर्जियां (3 लाख 31 हजार)अमेरिका को मिली हैं। इसके बाद जर्मनी, इटली और तुर्की का नंबर है। दूसरी ओर अमेरिका ने कहा है कि वह अपने देश को शरणार्थियों का अड्डा नहीं बनने देगा।



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seema

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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