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Russia Crisis: रूस से आ रही बड़ी खबर, यहां जाने क्या हुए हालात, खूनखराबा अभी जारी या टला ?
Russia Crisis: रूस में भाड़े की सेना "वैगनर ग्रुप" का विद्रोह शुरू होने के साथ खत्म हो गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने खड़ा संकट फिलहाल टल गया है। वैगनर ग्रुप का विद्रोह बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की कथित मध्यस्थता के बाद खत्म हो गया है।
प्रिगोझिन की घोषणा
वैगनर ग्रुप के नेता येवगेनी प्रिगोझिन ने एक ऑडियो संदेश में कहा : हमारे के सैनिक मास्को की ओर अपनी यात्रा रोक रहे हैं और शहर से वापस लौट रहे हैं। उन्होंने कहा, हम रूसी खून बहाना नहीं चाहते। प्रिगोझिन ने कहा कि “उनकी सेनाएं मॉस्को के 200 किलोमीटर पास तक पहुंच गई हैं और अब हम योजना के अनुसार अपनी टुकड़ियों को विपरीत दिशा में फील्ड शिविरों की ओर निकल रहे हैं।"
इसके पहले प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्री के खिलाफ "न्याय का मार्च" छेड़ने का ऐलान किया था। वैगनर सेना 24 जून को वोरोनिश क्षेत्र से उत्तर की ओर लिपेत्स्क क्षेत्र की ओर बढ़ी थी, जो रूसी राजधानी से लगभग 250 मील दूर है। इस घटनाक्रम के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने राष्ट्र के लिए ख़तरे का हवाला देते हुए कहा था कि उन्होंने सेना को प्रिगोझिन के नेतृत्व वाले "विद्रोह" को ख़त्म करने का आदेश दिया है।
तैयारी पूरी थी
वैगनर ग्रुप के लड़ाकों से निपटने के लिए मॉस्को में तैयारी कर ली गई थी। शहर के दक्षिणी किनारे पर बख्तरबंद वाहनों और सैनिकों के साथ चौकियां बना ली गईं थीं। पुतिन ने सशस्त्र विद्रोह के आयोजकों के लिए कठोर परिणाम भुगतने की कसम खाई थी। राष्ट्र के नाम टेलीविज़न भाषण में पुतिन ने विद्रोह को "विश्वासघात" और "देशद्रोह" कहा था। उन्होंने कहा, "विद्रोह की तैयारी करने वाले सभी लोगों को अपरिहार्य सजा भुगतनी होगी।" कुछ पर्यवेक्षकों ने अनुमान लगाया है कि पुतिन, वैगनर समूह को संघीय अधिकार के तहत रखने जैसी रियायतें दे सकते हैं, या वह वैगनर की गतिविधियों को वापस अफ्रीका में स्थानांतरित कर सकते हैं, जहां उनके भाड़े के सैनिक हाल के वर्षों में सक्रिय रहे हैं।