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कोरोना से लड़ाई जीतने में रूस देगा साथ, स्पुतनिक-V की टेक्नोलॉजी देगा भारत को
टीकों की मांग को पूरा करने के लिए भारतीय कंपनियों के रूसी निर्मित ‘स्पुतनिक-V’ टीके का उत्पादन करने की तैयारियां जोरों से जारी हैं।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कहर से देश की जनता को सुरक्षित रखने के लिए वैक्सीनेशन का प्रोग्राम तेजी से जारी है। ऐसे में वैक्सीन टीकों की मांग को पूरा करने के लिए भारतीय कंपनियों के रूसी निर्मित 'स्पुतनिक-V' टीके का उत्पादन करने की तैयारियां जोरों से जारी हैं।
ऐसे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि रूस दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जो टीका प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विदेश में उत्पादन को बढ़ाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि टीका 66 देशों में बेचा जा रहा है।
स्पुतनिक-V के उत्पादन को मंजूरी
इस बारे में दिल्ली में अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा था कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को भारत में निश्चित शर्तों के साथ अध्ययन, परीक्षण और विश्लेषण के लिए कोविड-19 रोधी टीके स्पुतनिक-V के उत्पादन की मंजूरी दे दी है।
स्पुतनिकत-V टीके को लेकर रूसी राष्ट्रपति कोविड महामारी के कारण पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं कि ''इस विषय पर पहले ही बहुत सारी बातें कही जा चुकी हैं, इसलिए मुझे ऐसा लगता है कि इस बारे में अधिक टिप्पणी करना व्यर्थ होगा। मुझे नहीं लगता कि मैं कुछ नया या दिलचस्प कह सकता हूं।''
आगे पुतिन ने कहा, ''हम 66 देशों में अपना टीका बेच रहे हैं, यह हमारे लिए एक बड़ा बाजार है। मुझे पूरा यकीन है कि ये आरोप व्यावसायिक कारणों से हैं, लेकिन हम मानवीय कारणों का पालन कर रहे हैं।''
टीके को लेकर उन्होंने कहा, ''यह अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा मान्यता प्राप्त है, टीका प्रभावी है, इसकी प्रभाव क्षमता 97.6 प्रतिशत है। हम दुनिया में एकमात्र देश हैं, जो प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए तैयार हैं और विदेशों में अपने उत्पादन का विस्तार करने के लिए तैयार हैं।'
Coronavirus की दूसरी लहर में 646 डॉक्टरों की हुई मौत: आईएमए
Coronavirus News: कोरोनावायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर ने देश के लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। जब पूरा देश अव्यवस्था और चिकित्सकीय सुविधा के अभाव से जूझ रहा था। उस समय लोगों के सेवा में लगे डॉक्टर भी इस महामारी के शिकार हो रहे थे।
कोरोनावायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर में 646 डॉक्टरों की जान गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने आंकड़ों के साथ इस बात की जानकारी दी है। इन 646 में से सबसे ज्यादा 109 डॉक्टरों की मौत केवल दिल्ली में हुई है। दूसरे नंबर पर बिहार है यहां 97 डॉक्टरों की जान गई। उत्तर प्रदेश में 79 डॉक्टरों की जान गई है।
इसी क्रम में राजस्थान में 43, झारखंड में 39, गुजरात में 37, आंध्र प्रदेश में 35, तेलंगाना 34, तमिलनाडु में 32, पश्चिम बंगाल में 30, महाराष्ट्र तथा ओडिशा में 23, मध्य प्रदेश में 16 डॉक्टरों की कोरोना के चलते मौत हुई है। आईएमए के मुताबिक कोरोना की पहली लहर के दौरान 748 डॉक्टरों की मौत हुई थी।
गौरतलब है देश में इस समय संक्रमण के मामले लगातार कम हो रहे हैं। शनिवार को देशभर में करीब दो महीनों में एक दिन में कोविड 19 के सबसे कम 1,20,529 नए मामले आए हैं। इसी के साथ ही कुल संक्रमण के मामले 2,86,94,879 पर पहुंच गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक शनिवार को इस महामारी से 3,380 और लोगों के जान गंवाने के साथ ही मृतकों की कुल संख्या 3,44,082 पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक रोजाना आने वाले संक्रमण के नए मामलों 58 दिनों में आज का आंकड़ा सबसे कम हैं।
मंत्रालय के अनुसार शुक्रवार को कोरोना की जांच के लिए 20,84,421 सैंपल लिए गए थे। इससे देश में अभी तक की गई कुल जांच की संख्या 36,11,74,142 पहुंच गई है। इसी के साथ ही संक्रमण की दैनिक दर गिरकर 5.78 प्रतिशत पहुंच गई है जो लगातार 12वें दिन 10 प्रतिशत से भी कम है। इसी क्रम में साप्ताहिक संक्रमण दर भी घटकर 6.89 प्रतिशत रह गई है।