×

OMG : पुतिन की बेटी को तलाक देकर बर्बाद हो गया रूसी अरबपति

raghvendra
Published on: 2 Feb 2018 7:09 AM GMT
OMG : पुतिन की बेटी को तलाक देकर बर्बाद हो गया रूसी अरबपति
X

रूस के 32 वर्षीय बिजनेसमैन किरिल शमालोव ने जब 2013 में व्लादिमिर पुतिन की बेटी से विवाह किया तो उनका भाग्य जग गया और उनके शेयरों की कीतम 2 बिलियन डॉलर तक बढ़ गयी। यही नहीं उन्हें एक विशाल पेट्रोकेमिकल कंपनी सिबुर में ऊंचा ओहदा भी मिल गया।

लेकिन अब अपनी बीवी कैटरीना तिखोनोवा से अलगाव की अफवाहों के बीच शमालोव की सितारा डूबता नजर आ रहा है। सिबुर कंपनी में उन्हें डिमोट कर दिया गया है जबकि उनकी दौलत आधी रह गयी है। इस दंपति में अलगाव की खबरें मीडिया में चल रही हैं। रूस के बिजनेस अखबार ‘वोदोमोस्ती’ ने शमालोव और उनकी नयी दोस्त झाना वोल्कोवा की फेसबुक फोटो प्रकाशित की थी।

ये भी पढ़ें... इंटरव्यू : दुनिया में बहुत लोग मेरे ट्वीट का इंतजार करते हैं : ट्रंप

दिसंबर 2017 की इस फोटो में दिये कैप्शन में लिखा है ‘आई लव यू।’ वैसे शमालोवा और तिखानोवा की शादी और अलगाव, दोनों की खबरें सार्वजनिक रूप से पुष्टि नहीं की गयी हैं। पुतिन की दोनों पुत्रियों कैटरीना और मरीना के बारे में रूसी मीडिया कुछ भी नहीं बोलता है। यहां तक की कैटरीना तिखानोवा असल में पुतिन की बेटी है भी या नहीं इस बारे में सरकारी तौर कोई पुष्टि नहीं की गयी है।

बहरहाल, शमालोव ने पिछले साल अप्रैल में सिबुर कंपनी में अपने 21.3 फीसदी शेयर बेच दिये थे। शेयर क्यों बेचे गये ये कभी नहीं बताया गया। 2012 में इसी सिबुर कंपनी में शमालोव को तरक्की दे कर डिप्टू चीफ एक्जीक्यूटिव बनाया गया था और उन्हें 4.3 फीसदी शेयर दिये गये थे। 2014 में शमालोव ने एक सरकारी बैंक से लोन लेकर सिबुर कंपनी मीं में 17 फीसदी और शेयर खरीदे थे।

‘ब्लूमबर्ग’ ने अपने स्रोतों के हलो से खबर दी थी कि रूस की सत्तारूढ़ परिवार का सदस्य होने के नाते शमालोव का सितारा चमकने लगा था। लेकिन यही सितारा शादी खत्म होने के साथ बुझ भी गया है। वैसे, खजाने में कमी आने के बावजूद शमालोव अब भी रूस के रईस बिजेनस परिवारों में शुमार हैं। ब्लूमबर्ग के अनुसार उनकी दौलत 800 मिलियन डॉलर आंकी गयी है। क्योंकि सिबुर में अब भी उनके 3.9 फीसदी शेयर हैं।

raghvendra

raghvendra

राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

Next Story