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Russia -Ukraine Crisis: टिकटॉक पर आई युद्ध के फेक वीडियो की बाढ़

संकट के समय में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हमेशा गलत सूचनाओं से निपटने और वायरल पोस्ट को हटाने के लिए चौबीसों घंटे संघर्ष करते रहते हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Divyanshu Rao
Published on: 26 Feb 2022 7:08 PM IST
russia ukraine Crisis
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रूसी सैनिकों की तस्वीर 

Russia Ukraine Crisis: युद्ध में एक लड़ाई झूठी खबरों और दुष्प्रचार के सहारे भी चलाई जाती है। यही चीज यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई में हो रहा है और इसमें सबसे आगे है लोकप्रिय प्लेटफार्म टिकटॉक। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने टिकटॉक पर भ्रामक और झूठी सामग्री की बाढ़ ला दी है। एक अरब से अधिक लोगों द्वारा उपयोग किया जाने वाले इस लोकप्रिय ऐप पर पुराने संघर्षों, फिल्मों के दृश्यों और यहां तक कि वीडियो गेम की लड़ाइयों वाले वीडियो चलाये जा रहे हैं जैसे कि जमीन पर लाइव फुटेज दिखाया जा रहा हो।

संकट के समय में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हमेशा गलत सूचनाओं से निपटने और वायरल पोस्ट को हटाने के लिए चौबीसों घंटे संघर्ष करते रहते हैं। लेकिन टिकटॉक पर अब संघर्ष-थीम वाले फुटेज की झड़ी ने प्लेटफार्मों को फेक न्यूज़ के नए तरीकों से परेशान कर दिया है। लाखों दर्शकों को यूक्रेन में युद्ध के अनगिनत नकली या गलत वीडियो भेजे जा रहे हैं।

लिबरल वॉचडॉग ग्रुप मीडिया मैटर्स के एबी रिचर्ड्स के अनुसार, यह महत्वपूर्ण है कि जनता को इस तरह की युद्ध स्थितियों से अवगत कराया जाए लेकिन जो चल रहा है उससे लगता है कि इस प्लेटफॉर्म का डिज़ाइन वर्तमान समय की जरूरतों के साथ मेल नहीं खाता है। बता दें कि 25 फरवरी की शाम तक हैशटैग रूसी आक्रमण वाले वीडियो को 32 मिलियन बार देखा जा चुका था जबकि हैशटैग रूस यूक्रेन वाले वीडियो को 132 मिलियन बार देखा गया।

रूसी टैंक और सैनिक को तस्वीर

एक अन्य एक्सपर्ट के अनुसार, यह पहली बार है जब टिकटॉक वास्तव में इस पैमाने की संघर्ष की स्थिति के केंद्र में है। कुछ लोग भ्रामक विडियो इस लिए पोस्ट कर रहे हैं ताकि वे यूजर्स का ध्यान खींच सकें और पैसा कमा सकें। कुछ लोग अन्य कारणों से गलत सूचना और दुष्प्रचार के रूप में ऐसे पोस्ट डाल रहे हैं। कुछ उपयोगकर्ता ऐसी सुविधाओं का फायदा उठा रहे हैं जो टिकटॉक पर वीडियो को वायरल होने में मदद करती हैं। जैसे कि नए फुटेज के साथ पुराना ऑडियो क्लिप का पुन: उपयोग करना।

टिकटोक के कम्युनिटी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि ऐसी गलत सूचना पर प्रतिबंध लगाया जाएगा जो लोगों को नुकसान पहुंचाती है, जैसे कि नफरत या पूर्वाग्रह को भड़काने वाले विडियो। लेकिन युद्ध के दृश्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने वाले फुटेज के बारे में कम्पने की नीतियां स्पष्ट नहीं हैं।

पिछले दो दिनों में युद्ध का एक वीडियो लगभग 50 मिलियन बार देखा गया। बहुत से लोगों ने सवाल भी उठाये कि क्या वह वाकई में यूक्रेन का विडियो था। इसी तरह अल्बेनिया के एक प्रशिक्षण अभ्यास का विडियो यूक्रेन के नाम से चलाया गया जिसे लगभग 15 मिलियन बार देखा गया था। 2014 का एक वीडियो लगभग 5 मिलियन बार देखा गया, जिसमें दावा किया गया कि यूक्रेनी और रूसी सैनिकों को "आमने-सामने" दिखाया गया है।



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Divyanshu Rao

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