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Russia Ukraine War: न्यूक्लियर अटैक की तैयारी में रूस, अब छिड़ जाएगा थर्ड-वर्ल्ड वार
Russia Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच यूध्द का संकट गहराता जा रहा है। दोनों देशों में समन्वय की कोशिशें बेकार जा रही हैं।
Russia Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच यूध्द का संकट गहराता जा रहा है। दोनों देशों में समन्वय की कोशिशें बेकार जा रही हैं। अमेरिका समेत वेस्ट के तमाम कड़े प्रतिबंधों औऱ चेतावनियों के बावजूद रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन पीछे हटने को राजी नहीं हैं। यूक्रेन के साथ सैन्य संघर्ष में रूसी पक्ष को हुए भयानक नुकसान ने राष्ट्रपति पुतिन को और क्रोधित कर दिया है।
16 घंटे के अंदर यूक्रेन पर कब्जा करने का सपना देख सैन्य़ कार्रवाई शुरू करने वाले पुतिन की सेना को यूक्रेनी आर्मी से तगड़ा रेजिसटेंस मिल रहा है। अपने इस सपने को तबाह होता देख रूसी राष्ट्रपति ने अब एक खौफनाक प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। जिसकी भनक लगते ही कूटनीतिक हलकों में खलबली मच गई है।
न्यूक्लीयर अटैक की तैयारी में रूस
यूक्रेन के साथ यूध्द लंबा खिंच जाने औऱ मनमाफिक नतीजे न आने से निराश रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन यूध्द इतिहात के उस घटनाक्रम को दोहरान पर विचार कर रहे हैं, जिसे द्वितीय विश्व यूधद के दौरान अमेरिका ने जापान पर किया था।
रूसी मीडिया एजेंसी स्पूतनिक ने पुतिन के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के खौफनाक प्लान की पुष्टि करते हुए दुनिया में हलचल मचा दी है। रूसी समाचार एजेंसी के अनुसार न्यूक्लीयर कमांड वाली यूनिट की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। तमाम न्यूक्लीयर मिसाइलों को फायरिंग मोड में ला दिया गया है।
न्यूक्लीयर हथियारों से डील करने वाले स्टाफों को तैयार रहने को कहा गया है। दरअसल रूस किसी की कीमत पर यूक्रेन पर पूरा कंट्रोल चाहता है। यूक्रेनी सेना द्वारा रूसी सेना को मिले मुंहतोड़ जवाब ने पुतिन को एक तरह से झटका दिया है। लिहाजा वो किसी भी कीमत पर यह जंग जीतना चाहते हैं कि भले ही इसके लिए परमाणु हथियारों का ही उपयोग क्यों न करना पड़े।
थर्ड वर्ल्ड वार की आशंका
यूक्रेन के समर्थन में खड़े अमेरिका समेत वेस्ट के मुल्कों ने रूस की इस हरकत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने रूस के इस कदम को एक औऱ भड़काने वाला कदम बताया है। अमेरिका औऱ नाटों इस पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
ऐसे में माना जा रहा है कि रूस द्वारा न्यूक्लीयर हथियारों का प्रयोग अमेरिका और वेस्ट के देशों के सब्र के बांध को तोड़ सकता है। ऐसे में दुनिया में एकबार फिर तृतीय विश्व यूध्द छिड़ने की आशंका प्रबल होती नजर आ रही है। ध्यान रहे यूरोप में रूस के अलावा ब्रिटेन औऱ फ्रांस के पास भी न्यूक्लीयर हथियार हैं। ये दोनों देश नाटो के सदस्य हैं।
ऐसे में इस छोटे से महाद्विप में एक चिंगारी आग के किसी शोले में तब्दिल हो सकती है। जिसका अंजाम क्या होगा बताने की जरूरत नहीं है। वैसे ही रूस की नजर अब उन नाटों के सदस्य देशों पर है जो कभी पूर्व में सोवियत .यूनियर का हिस्सा हुआ करते थे।