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Russia-Ukraine tension: राष्ट्रपति जेलेंस्की का ऐलान, यूक्रेन जल्द तोड़ सकता है रूस के साथ राजनयिक रिश्ते
मंगलवार को यूक्रेन में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन जल्द ही रूस के साथ अपने राजनयिक संबंध तोड़ सकता है।
Russia-Ukraine tension : रूस और यूक्रेन के बीच चल रही तनातनी दिन पर दिन और बढ़ती ही जा रही है। मंगलवार को रूस-यूक्रेन विवाद (Russia-Ukraine tension) पर बोलते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने कहा है की यूक्रेन, रूस के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने पर विचार कर रहा है। जेलेंस्की ने कहा- विदेश मंत्रालय द्वारा मुझे रूसी संघ और यूक्रेन के बीच राजनयिक संबंध तोड़ने के सवाल की जांच करने का अनुरोध प्राप्त हुआ है।
यूक्रेन नहीं छेड़ेगा चौतरफा युद्ध : जेलेंस्की
यूक्रेन में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में रूस-यूक्रेन विवाद पर दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध खत्म करने की बात करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलदिमिर जेलेंस्की ने कहा- यूक्रेन रूस के खिलाफ चौतरफा युद्ध पहले नहीं छेड़ेगा। लेकिन अगर रूस के तरफ से ऐसा कोई कदम उठाया गया तो यूक्रेन हर हालात से लड़ने के लिए तैयार और सक्षम है।
क्या है रूस-यूक्रेन के बीच विवाद
रूस यूक्रेन के बीच भड़के इस विवाद का जड़ पूर्वी यूक्रेन के दो देश डोनेतस्क (Donetsk) और लुहांस्क (Luhansk) है। दरअसल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने पूर्वी यूक्रेन के इन दो देशों को आजाद देश की मान्यता दे दी जिसके बाद यूक्रेन रूस के इस फैसले का लगातार विरोध करता आया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी संसद में 15 फरवरी 2020 को पूर्वी यूक्रेन के डोनेतस्क और लुहांस्क को एक अलग आजाद देश के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव भेजा था। 21 फरवरी 2022 को राष्ट्रपति पुतिन ने इस प्रस्ताव पर साइन कर पूर्वी यूक्रेन के इन दो देशों को आजाद देश का दर्जा दे दिया साथ ही इन देशों के साथ रूस ने कई तरह के समझौते भी किए।
रूस-यूक्रेन विवाद पर भारत का रुख
भारत और रूस के बीच बड़े लंबे वक्त से अच्छे रिश्ते रहे हैं। इसीलिए रूस-यूक्रेन के इस विवाद में भारत ने अभी तक रूस के विरोध में या यूक्रेन के समर्थन में कोई भी बात नहीं कहा है। भारत की ओर से लगातार दोनों देशों के बीच शांति लाए जाने की पहल की जा रही है और कहा जा रहा है कि सैन्य कार्रवाई किसी के हित में नहीं है। भारत को यह उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा यह विवाद कूटनीतिक ढंग से सुलझाया जा सकता है।