होगा शक्तिशाली हमला: अमेरिका रूसी खतरे से निपटने के लिए तैयार, कर रहा हाइपरसोनिक मिसाइलों को अपग्रेड

America Hypersonic Missiles: रूस के खतरे से निपटने के लिए अमेरिका ने अपनी हाईपरसोनिक मिसाइलों को अपग्रेड करने का निर्णय लिया है। ये काम अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा करेगी।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Deepak Kumar
Published on: 18 April 2022 1:04 PM GMT
America decides to upgrade hypersonic missiles to deal with the Russian threat
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अमेरिका हाइपरसोनिक मिसाइलों को कर रहा अपग्रेड। 

Hypersonic Missiles Upgrade: यूक्रेन पर रूस के हमले ने एकबार फिर दुनिया में नए और उन्नत किस्म के हथियारों के उत्पादन की रेस शुरू कर दी है। रूस द्वारा यूक्रेन (Russia -Ukraine War) पर लगातार किए जा रहे घातक और शक्तिशाली मिसाइल हमले को लेकर अमेरिका (America) अब चौंकान्ना हो गया है। रूस के करीब रह रहे नाटो (NATO) के सहयोगी देशों के ऊपर मंडराते खतरे के बादल को देखते हुए सुपरपॉवर अमेरिका ने अपनी हाईपरसोनिक मिसाइलों को अपग्रेड करने का निर्णय लिया है। ये काम अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा करेगी।

यूक्रेन को 13 हजार करोड़ की सैन्य मदद भेज चुका अमेरिका

नासा हाइपरसोनिक जेट इंजन (NASA Hypersonic Jet Engine) को और विकसित करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( Artificial Intelligence) को लागू कर रहा है। इससे विमान, मिसाइल हथियारों और स्पेस लांन्चिंग में क्रांति लाई जा सकती है। अमेरिका के इस कदम को रूस के लिए खतरा बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि अमेरिका इसके जरिए पूर्वी यूरोप में रूस की बढ़ती आक्रमकता को काउंटर करना चाहता है। बता दें कि रूस के खिलाफ जंग में अमेरिका लगातार यूक्रेन को भारी आर्थिक मदद कर रहा है। अमेरिका यूक्रेन को अब तक 13 हजार करोड़ की सैन्य मदद भेज चुका है।

क्या होता है Artificial Intelligence

Artificial Intelligence कंप्यूटर साइंस का वह ब्रांच है जो कंप्यूटर के इंसानों की तरह व्यवहार करने की धारणा पर बेस्ड है। यह मशीनों के सोचने, समझने, सीखने, समस्या हल करने और निर्णय लेने जैसे कार्य़ो को करने की क्षमता को बताता है। इसके अविष्कारक जॉन मैकार्थी हैं। 1950 के दशक में इसकी शुरूआत हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का तात्पर्य है कृत्रिम तरीक से विकसित बौद्धिक क्षमता। जानकारों के मुताबिक, इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर संचालित करने का प्रयास किया जाता है, जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क कार्य करता है।

रूस ने यूक्रेन पर किया हाइपरसोनिक मिसालइलों का इस्तेमाल

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे जंग (Russia-Ukraine War) में रूस अब तक दो बार हाइपरसोनिक मिसाइल का प्रयोग कर चुका है। 19 मार्च को रूस ने वेस्ट यूक्रेन में स्थित एक हथियार गोदाम को नष्ट करने के लिए अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल किंझल (Hypersonic Missile Kinjhal) का इस्तेमाल किया था। इसके बाद अगले ही दिन यानि 20 मार्च को रूस ने एकबार फिर हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile Kinjhal) के जरिए साउथ यूक्रेन के एक शहर माइकोलाइव पर हमला किया। जानकारों की मानें तो दुनिया में पहली बार किन्हीं दो देशों के युद्ध में हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल किया गया है।

बता दें कि हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile) की स्पीड साउंड से 5 गुना या उससे भी अधिक होती है। ये मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। ये हवा में ही रास्ता बदलने की क्षमत रखती है। यही वजह है कि हाइपरसोनिक मिसाइल को ज्यादा खतरनाक और विध्वंसक माना जाता है।

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