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Russia-Ukraine War: रूस की सैन्य कार्रवाई पर पूरी दुनिया में तीखी प्रतिक्रिया, बड़े नेताओं ने जताई यूक्रेन के साथ एकजुटता

Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलों से हमले की शुरुआत के बाद वैश्विक नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 24 Feb 2022 2:11 PM IST
Russia-Ukraine War: रूस की सैन्य कार्रवाई पर पूरी दुनिया में तीखी प्रतिक्रिया, बड़े नेताओं ने जताई यूक्रेन के साथ एकजुटता
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राष्ट्रपति जो बाइडेन-पीएम बोरिस जॉनसन (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Russia-Ukraine War: कई दिनों तक धमकी देने के बाद रूस ने आखिरकार यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई (Russia Military Operation) शुरू कर दी है। रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के एयरपोर्ट और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। रूसी हमलों से बचने के लिए यूक्रेन ने गुरुवार की सुबह से ही देश के भीतर नागरिक उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। रूसी हमले को देखते हुए यूक्रेन ने अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह बंद कर दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russia President Vladimir Putin) ने वैश्विक नेताओं की अपील को ठुकराते हुए यह सैन्य कार्रवाई शुरू की है।

यूक्रेन पर बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलों से हमले की शुरुआत के बाद वैश्विक नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया (Global Leaders React On Russia Military Operation) जताई है। दुनिया के कई प्रमुख देशों के नेताओं ने इस हमले की निंदा करते हुए रूस से तत्काल सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील की है। इन नेताओं ने संकट की इस घड़ी में यूक्रेन और वहां की जनता के साथ एकजुटता भी दिखाई है।

रूस की धमकी पर बिफरा अमेरिका

यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने चेतावनी दी है की रूस की ओर से की जा रही सैन्य कार्रवाई में अगर किसी देश ने दखल देने की कोशिश की तो उसे भयंकर दुष्परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने यूक्रेन में खूनखराबे के लिए वहां की सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया है। दूसरी ओर रूस की कार्रवाई का शुरुआत से ही विरोध कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन (US President Joe Biden) खुलकर यूक्रेन के समर्थन में कूद पड़े हैं।

उन्होंने रूस के हमले का कारण और उकसाने वाली कार्रवाई बताते हुए इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश इस मामले में रूस की जवाबदेही तय करेंगे। माना जा रहा है कि अमेरिका की ओर से जल्द ही रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों (Sanctions On Russia) का ऐलान किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि पुतिन के फैसले का पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा और काफी संख्या में लोगों की जिंदगियां तबाह हो जाएंगी। इस तबाही का अकेला जिम्मेदार पूरी तरह से रूस ही होगा। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की ओर से इसका निर्णायक जवाब दिया जाएगा।

ब्रिटेन की निर्णायक जवाब की चेतावनी

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने भी रूस की सैनिक कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। जॉनसन ने कहा कि यूक्रेन पर अकारण हमले की शुरुआत करके रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने तबाही और विनाश का रास्ता चुना है। ब्रिटेन सहयोगी देशों के साथ मिलकर इसका निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन में हो रही भयावह घटनाओं से मैं पूरी तरह स्तब्ध रह गया हूं और मैंने वहां के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी से इस बाबत बातचीत की है। जर्मन चांसलर ने रूस की कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि रूस की ओर से उठाए गए कदम को किसी भी नजरिए से उचित नहीं ठहराया जा सकता है।

यूक्रेन की संप्रभुता की रक्षा जरूरी

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतानियो गुतारेस ने कहा कि हमें उम्मीद नहीं थी कि धमकी के बावजूद रूस हमले की शुरुआत कर देगा। उन्होंने रूस से यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को तत्काल रोकने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी विवाद को बातचीत के जरिए हल करने की कोशिश की जानी चाहिए।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी रूस की सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि रूस ने संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का खुला उल्लंघन किया है। यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा किया जाना जरूरी है।

कई और देशों ने जताई तीखी प्रतिक्रिया

डेनमार्क, न्यूजीलैंड, लातविया और नीदरलैंड आदि देशों ने भी रूस की ओर से किए गए हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। नीदरलैंड ने यूक्रेन के लोगों के साथ एकजुटता जताई है। न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री नानैया महुता ने रूस की सैन्य कार्रवाई को यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का खुला उल्लंघन बताया।

डेनमार्क के रक्षा मंत्री ने रूस के कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए कहा कि इस हमले के लिए पूरी तरह रूस ही जिम्मेदार है। डेनमार्क ने इस मामले में सहयोगी देशों के साथ समन्वय स्थापित कर रूस को जवाब देने की बात कही है।

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