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Russia Ukraine War : एटमी युद्ध की चिंता, लेकिन इसकी संभावना बेहद कम

रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे जन्म के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक इन दोनों देशों में न्यूक्लियर युद्ध होने की संभावनाएं बहुत कम हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Bishwajeet Kumar
Published on: 28 Feb 2022 10:07 PM IST
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परमाणु युद्ध (प्रतीकात्मक तस्वीर, तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Russia Ukraine War : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने भले ही रूसी परमाणु बलों को 'हाई अलर्ट' पर रखने का आदेश दिया है लेकिन डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि एटमी हथियारों का इस्तेमाल किये जाने की संभावना न के बराबर है। पुतिन ने पहले ही कह दिया है कि नाटो के प्रमुख सदस्य देशों द्वारा "आक्रामक बयानबाजी" की प्रतिक्रिया में उन्होंने यह निर्णय लिया है।

वैसे पुतिन के इस निर्णय से खासतौर पर सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा खलबली मची हुई है। इंटरनेट पर नाभिकीय लड़ाई को सर्च किया जा रहा है और पश्चिमी मीडिया भी हवा बांध रहा है। जबकि सच्चाई ये है कि कोई भी देश एटमी लड़ाई नहीं चाहता है। एक बार नाभिकीय हथियार का इस्तेमाल शुरू होने के बाद दूसरे देश भी ऐसा कर सकते हैं और इससे व्यापक तबाही मचेगी। नाभिकीय हथियार जिन देशों के पास हैं वो हमेशा उनको हाई अलर्ट पर रखते हैं।

बहरहाल, क्रेमलिन ने कहा है कि रूसी परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखने का पुतिन का फैसला ब्रिटिश विदेश सचिव लिज़ ट्रस के "अस्वीकार्य" बयानों के बाद लिया गया था। पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, "विभिन्न स्तरों पर विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा संभावित संघर्ष स्थितियों और यहां तक ​​कि नाटो और रूसी संघ के बीच टकराव और संघर्ष के बारे में बयान दिए गए थे। हम इस तरह के बयानों को बिल्कुल अस्वीकार्य मानते हैं। मैं इन बयानों के लेखकों का नाम नहीं लूंगा, हालांकि यह ब्रिटिश विदेश सचिव था।

दरअसल, ट्रस ने उन ब्रितानियों का समर्थन किया है जो रूसी आक्रमण से लड़ने के लिए यूक्रेन की यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि यह एक संप्रभु लोकतंत्र है जिसे एक तानाशाह द्वारा कुचल दिया गया है या कुचलने का प्रयास किया गया है जो यूक्रेन को अपने अधीन करने पर आमादा है।

नाभिकीय ताकतें

दुनिया में 8 देश हैं जो परमाणु हथियारों को सफलतापूर्वक विस्फोट कर चुके हैं। इन में से पाच देश परमाणु अप्रसार संधि के अंतर्गत परमाणु-हथियार राज्य जाने जाते हैं - अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, और चीन। परमाणु अप्रसार संधि में शामिल न होने वाले तीन देश जिन्होंने सफलतापूर्वक परमाणु विस्फोट किया है वो हैं- भारत, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान। उत्तरी कोरिया पहले परमाणु अप्रसार संधि मेंशामिल था लेकिन २००३ में हट गया। इज़राइल के पास भी परमाणु हथियार होने की व्यापक संभावना जताई जाती है, हालांकि यह इसके बारे में जानबूझकर अस्पष्टता की नीति बनाए रखता है और यह स्वीकार नहीं करता है। यूक्रेन के पास भी बड़ा जखीरा था लेकिन उसका कहना है वह सभी नष्ट किये जा चुके हैं।

2021 में आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन ने अनुमान लगाया था कि अमेरिका के पास 5,550 परमाणु हथियार थे, जबकि रूस के पास 6,257 परमाणु हथियार थे। दोनों देशों में इनमें से लगभग 1,800 हथियार रिटायर हो चुके हैं, जबकि 1,500 बैलिस्टिक मिसाइलें और यू.एस. बमवर्षक ठिकानों पर तैनात हैं।

Bishwajeet Kumar

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