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Russia Ukraine War Update: पुतिन ने यूक्रेन पर और हमलों की दी चेतावनी, नाटो ने भी कसी कमर
Russia Ukraine War Update: पुतिन ने यूक्रेन पर और हमलों की चेतावनी दी है। इस जंग में बेलारूस खुलकर रूस के पक्ष में खड़ा हो गया है।
Russia Ukraine War Update: सात माह से जारी रूस – यूक्रेन जंग एकबार फिर तीखे दौर में प्रवेश कर गया है। सोमवार को रूस द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव समेत अन्य प्रमुख शहरों में मिसाइल हमले किए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति गरमा गई है। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के नए आक्रमक तेवर ने पश्चिमी जगत में हलचल मचा दी है। पुतिन ने यूक्रेन पर और हमलों की चेतावनी दी है। इस जंग में बेलारूस खुलकर रूस के पक्ष में खड़ा हो गया है। इतना ही नहीं बेलारूस ने अपनी जमीन का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल की हरी झंडी दे दी है।
बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशैंकों ने कहा कि उनका देश रूस की सेनाओं को अपने यहां बैरक बनाने और अभियान छेड़ने के लिए जमीन प्रदान करेगा। रूस वहां सैन्य बेस बनाएगा। बेलारूस का ये ऐलान यूक्रेन के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि बेलारूस की जमीनी सीमा यूक्रेन से मिलती है और यहां से राजधानी कीव भी बेहद नजदीक है। राष्ट्रपति पुतिन काफी समय से कीव पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब तक उनकी सेना इसमें कामयाब नहीं हो पाई है। ऐसे में बेलारूस की सीमा से नया फ्रंट खोलकर रूस यूक्रेन पर दवाब बढ़ाना चाहता है।
रूसी नागरिकों की एंट्री पर लग सकता है बैन
बेलारूस के खुलेतौर पर जंग में कूदने के ऐलान के बाद यूरोप में तनाव चरम पर पहुंच चुका है। पश्चिमी देश नए सिरे से रूस के खिलाफ लामबंद होने लगे हैं। आने वाले दिनों में फिर से प्रतिबंधों का नया दौर देखने को मिल सकता है। यूरोपीय यूनियन रूसी नागरिकों की एंट्री पर बैन लगा सकता है। यानी अब रूस के नागरिकों को यूरोप के देशों में घुमने के लिए टूरिस्ट वीजा नहीं मिलेगा।
नाटो ने भी कसी कमर
उधर, अमेरिकी नेतृत्व वाला सैन्य गठबंधन नाटो भी हरकत में आ गया है। बेलारूस के ऐलान के बाद यूरोप में बड़ा युद्ध का खतरा मंडराने लगा है। नाटो महासचिव स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा कि हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं। यूक्रेन को दी जाने वाली मदद जारी रहेगी। नाटो के सदस्य देश आने वाले समय में आर्थिक और सैन्य बढ़ा सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूसी हमलों को पुतिन की बर्बरता करार दिया है। बता दें कि अबतक सबसे अधिक मदद (4.44 लाख करोड़) अमेरिका ने की है।