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हुई 700 मौतें: लाशों का ढेर बना चेर्निहाइव शहर, रूस का सबसे भयानक हमला
Russia Ukraine War Update: भीषण रूसी हमले का शिकार हुए चेर्निहाइव शहर में 700 लोगों की मौत होने की खबर सामने आ रही है।
Russia Ukraine War Update: कीव. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के 43 दिन हो चुके हैं। तमाम कवायदों के बावजूद दोनों देशों के बीच शांति स्थापित नहीं की जा सकी है। इस सैन्य संघर्ष की सबसे बड़ी कीमत यूक्रेन के आम लोगों को अदा करनी पड़ रही है। जैसे – जैसे युद्ध खींचता जा रहा है रूसी सेना की बर्बरता की खबरें सामने आ रही हैं। मिसाइलों और बमों से यूकेन के शहरों को मलबे के ढेर में तब्दिल करने वाली सेना इंसानों को भी नहीं छोड़ रही है।
भीषण रूसी हमले का शिकार हुए चेर्निहाइव शहर में 700 लोगों की मौत होने की खबर सामने आ रही है। चेर्निहाइव के मेयर ने दावा किया है कि संख्या इससे भी आगे जा सकती है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, यूक्रेन में अब तक 1611 नागरिकों की मौत हो चुकी है। इसमें 131 बच्चे भी शामिल हैं। वहीं 2227 लोग घायल हैं।
रूसी मिसाइल हमले में 39 लोगों की मौत
मीडिया रिपोर्टेस के अनुसार, रूस ने पूर्वी यूक्रेन स्थित एक रेलवे स्टेशन पर क्रूज मिसाइल से हमला किया है। हमला उस वक्त हुआ है जब हजारों की तादाद में पूर्वी यूक्रेन में रह रहे आम नागरिक किसी सुरक्षित ठिकाने पर जाने के लिए वहां जमा हुए थे। हमले में अब तक 39 लोगों की मौत की खबर है। जिसमें चार बच्चे भी शामिल हैं। इसके अलावा 100 से अधिक लोग जख्मी हैं। हमला पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क के क्रामटोरस्क में हुआ है।
अन्य मौकों की तरह रूस ने एकबार फिर इस हमले से पल्ला झाड़ा है। रूस ने रेलवे स्टेशन पर हमले के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसकी सेना ने ओडेसा में एक यूक्रेनी मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर तबाह कर दिया है।
जर्मनी ने बूचा नरसंहार को लेकर किया बड़ा दावा
नाटो का सदस्य देश जर्मनी ने बूचा नरसंहार को लेकर बड़ा दावा किया है। जर्मनी के खुफिया विभाग ने उपग्रह की मदद से रूसी सेना का रेडियो ट्रांसमिशन रिकॉर्ड किया है। इस बातचीत में रूसी सेना के अधिकारी सैनिकों को आम नागरिक की हत्या करने का आदेश दे रहे हैं। जर्मनी ने इस ऑडियो को रिलीज कर रूस पर लग रहे बूचा नरसंहार के आरोप की पुष्टि की है।
जर्मनी ने कहा कि यह ऑडियो शहर का हो सकता है जहां पिछले दिनों सैंकड़ों यूक्रेनी लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। हालांकि, रूस ने भी जर्मनी के इस दावे पर पलटवार करते हुए इसे प्रोपगेंडा बताया है।
बता दें कि बूचा नरसंहार को लेकर गुरूवार को संयुक्त राष्ट्र में रूस को यूएनएचआरसी से बाहर निकलाने के लिए लाए गए एक प्रस्ताव पर वोटिंग हुई थी। अमेरिका के द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव पर हुए वोटिंग में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। बाइडन प्रशासन रूस के खिलाफ यह प्रस्ताव पारित करवाने में सफल रहा और रूस संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से बाहर होने वाला दुनिया का दूसरा देश बना। इससे पहले लीबिया को इस संस्था से बेदखल किया गया था।