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Russia Ukraine War: जंग खत्म करने के लिए पुतिन से बातचीत को तैयार, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का बयान
Russia Ukraine War: यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जंग खत्म करने को लेकर बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की है।
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध 27वें दिन में प्रवेश कर चुका है। रूसी हमले में लगभग पूरा यूक्रेन तबाह हो चुका है। लाखों लोग देश छोड़कर जा चुके हैं। यूक्रेन में एक बड़ा मानवीय संकट उत्पन्न हो चुका है। रूस ने यूक्रेन के सैन्य और असैन्य किसी भी इलाके को नहीं छोड़ा है। युद्ध खत्म करने को लेकर वैश्विक स्तर से जारी तमाम कवायदें बेकार साबित हो चुकी हैं। सख्त अंतराष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंध और रूस को अलग - थलग की रणनीति भी काम नहीं कर पा रही है। ऐसे में यूक्रेन (Ukraine) ने एकबार फिर रूस को शीर्ष स्तर पर सीधे बातचीत करने का न्यौता दिया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukraine President Volodymyr Zelenskyy) ने मंगलवार को रूस और यूक्रेन के बीच जारी घमासान के बीच बड़ा बयान दिया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russia President Vladimir Putin) से जंग खत्म करने को लेकर बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की है। बकौल जेलेंस्की वे जंग खत्म करने को लेकर पुतिन से बातचीत करने को तैयार हैं। राष्ट्रपति जेलेंस्की को काफी नापसंद करने वाले पुतिन ने इसपर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
जेलेंस्की की मजबूरी
अपने से कही अधिक मजबूत औऱ ताकतवर देश की आक्रमकता के सामने डट खरे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की दुनियाभर में खूब तारीफ हो रही है। एक गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने वाला शख्स बगैर किसी सियासी अनुभव के इतनी मुश्किल परिस्थितियों में अपने देश को लीड कर रहा है। जेलेंस्की के इस असाधारण साहस ने उन्हें वेस्ट में हीरो बना दिया है। लेकिन इससे उनकी मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं, बल्कि और बढ़ती जा रही हैं। रूसी सेना धीरे - धीरे राजधानी कीव (Kyiv) की तरफ बढ़ रही हैं। किसी भी वक्त यहां पर उनका कब्जा हो सकता है। ऐसे में उन्हें जल्द से जल्द बड़ी सैन्य सहायता की जरूरत है। लेकिन जेलेंस्की इस मामले में चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
अमेरिका समेत पश्चिम के देश भले उनके साहस को खूब सलाम कर रहे हों, लेकिन कोई भी देश सीधे पुतिन की सेना से टक्कर नहीं लेना चाहते। यही वजह है कि नाटो में शामिल करने और यूक्रेन को ना फ्लाई जोन घोषित करने के उनके बारमबार आग्रह को अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने ठुकरा दिया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति को अब आभास हो चुका है कि रूस के खिलाफ जंग के मैदान में कोई देश उनकी मदद के लिए नहीं आएगा। लिहाजा उन्हें आगे का रास्ता स्वयं अकेले तय करना होगा। यूक्रेन में रोज गिरते रूसी बम और उससे होने वाली तबाही ने यूक्रेनियों को ऐसा जख्म दिया है जिससे वो शायद कभी नहीं भूल पाएंगे। यही वजह है कि जेलेंस्की अब मान चुके हैं कि इस रक्तपात को रोकने का केवल बस एक ही तरीका बचा है वो है उनसे सख्त नफरत करने वाले रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से सीधी बाताचीत।
वहीं ब्लादिमीर पुतिन अपनी मंशा कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि जबतक यूक्रेन उनके शर्तों के अनुसार बर्ताव नहीं करेगा, तबतक रूसी टैंक और मिसाइल यूक्रेन की सीने पर गोले बरसाते रहेंगे।
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