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यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का दावा, रूसी सेना की दशकों में सबसे भयंकर पराजय

Russia-Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Zelensky) ने बड़ा दावा किया है। बकौल जेलेंस्की यूक्रेन में युद्ध लड़ रही रूसी सेना की ये दशों में बड़ी हार है।

Krishna Chaudhary
Published on: 12 March 2022 7:08 PM IST
Russia Ukraine War: यूक्रेन-रूस के बीच शांति वार्ता भी जरूरी, अमेरिकी सीनेट ने पुतिन को माना अपराधी
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राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन-यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की (Photo - Social Media)

New Delhi: रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच जबरदस्त जंग जारी है। युद्ध ने लगभग पूरे यूक्रेन में तबाही का मंजर ला दिया है। मैदान ए जंग के साथ-साथ दोनों देश साइकोलॉजिकल जंग भी छेड़े हुए हैं। दोनों पक्ष एक-दूसरे के नुकसान को बढ़ चढ़कर दुनिया के सामने रख रहा है। इसी कड़ी में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Zelensky) ने बड़ा दावा किया है। बकौल जेलेंस्की यूक्रेन में युद्ध लड़ रही रूसी सेना की ये दशों में बड़ी हार है।

कड़ी टक्कर दे रही यूक्रेनी सेना

रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने महज चार दिनों के अंदर राजधानी कीव को अपने कब्जे में लेने के इरादे के साथ यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था। लेकिन जैसे –जैसे दिन बढ़ता गया उनका ये आकलन गलत साबित होता गया। जंग का आज 17वें दिन में प्रवेश कर चुका है। लेकिन रूस को वो कामयाबी नहीं मिली, जिसकी वो उम्मीद लगाए बैठी थी। अपने से कहीं कमजोर सेना के खिलाफ जंग लड़ रही रूसी सेना को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ रहा है।

यूक्रेनी सेना की तरफ से उन्हें अकल्पनीय प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। लगभग पूरे यूक्रेन को बमबारी तबाह कर देने वाले रूस के लिए ये सैन्य अभियान काफी महंगा साबित होने जा रहा है। लगातार बढ़ रहे वैश्विक आर्थिक प्रतिबंधों ने उसकी हालत पहले ही खराब कर दी है, ऐसे में जंग अगर और अधिक लंबा खींचता है तो ये निश्चिततौर पर रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है।

पश्चिमी की तरफ से बढ़ता दवाब

दरअसल, रूस में भी बड़ी संख्या में लोग इस युध्द के खिलाफ बताए जा रहे हैं। वहीं अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देश भी धीरे –धीरे आर्थिक प्रतिबंधों से आगे बढ़ते हुए यूक्रेन को सैन्य मदद देने पर भी विचार करने लगे हैं। नाटो द्वारा यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई इसका उदाहरण है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी रूस की घेराबंदी करने के लिए अपनी 12 हजार फौज भेज दी है। साथ ही उन्होंने पुतिन को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका तृतीय विश्व युध्द नहीं चाहता है।

Shashi kant gautam

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