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Russia-Ukraine War: युद्ध हुआ और भयानक, विक्ट्री दिवस के पहले यूक्रेन पर हमले हुए तेज
Russia-Ukraine War: रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसकी वायु सेना ने यूक्रेन के 17 सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए हैं।
Russia-Ukraine War: नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की 9 मई की बरसी से पहले रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन में अपना आक्रमण तेज कर दिया है। 9 मई को रूस में विक्ट्री दिवस (Russia Victory Day) के रूप में मनाया जाता है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसकी वायु सेना ने यूक्रेन के 17 सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए हैं। मंत्रालय ने कहा कि निप्रॉपेट्रोस के पूर्वी क्षेत्र में हमलों ने एक कमांड पोस्ट के अलावा रॉकेट और तोपखाने को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक गोदाम नष्ट कर दिया।
दूसरी तरफ अमेरिकी और ब्रिटिश रक्षा अधिकारियों ने कहा है कि यूक्रेन के प्रतिरोध के कारण पूर्वी यूक्रेन में रूस की प्रगति धीमी है और रूसी इकाइयां कमजोर मनोबल से पीड़ित हैं। वहीं, रूसी सरकार द्वारा संचालित मीडिया ने बताया है कि रूसी मुद्रा रूबल को 1 मई से यूक्रेन के उन कुछ क्षेत्रों में जारी किया गया है जहां रूस ने नियंत्रण कर लिया है। इन स्थानों में खेरसॉन का दक्षिणी क्षेत्र और ज़ापोरिज़्ज़िया के दक्षिणपूर्वी क्षेत्र में मेलिटोपोल शहर शामिल हैं। खेरसॉन के नोवा काखोवका में रूसी सेना ने सोवियत संघ के संस्थापक व्लादिमीर लेनिन की एक प्रतिमा लगा दी है। यह कदम सोवियत युग के लोगों को याद दिलाते हुए "रूसीकरण" में तेजी लाने का एक प्रयास प्रतीत होता है।
पोलैंड करेगा युद्धाभ्यास
इस बीच पोलिश सरकार ने घोषणा की कि उसकी सेना रविवार से एक महीने के लिए पूरे देश में सैन्य अभ्यास करेगी। पोलैंड यूक्रेन के साथ सीमा साझा करता है। वहीं रूस ने पोलैंड और अमेरिका पर "शांति मिशन" की आड़ में यूक्रेन में पोलिश सैनिकों को भेजने की योजना बनाने का आरोप लगाया है।
रूस ने प्रतिबंध लगाया
रूस ने एक जवाबी कार्रवाई में आइसलैंड के नौ, ग्रीनलैंड के तीन, फरो आइलैंड्स के तीन और नॉर्वे के 16 लोगों के देश में प्रवेश पर रोक लगा दी है। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस के खिलाफ यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों में शामिल होने के लिए आइसलैंड, नॉर्वे और ग्रीनलैंड और फरो आइलैंड्स की डेनिश स्वायत्तता द्वारा किए गए निर्णयों के जवाब में जवाबी कार्रवाई की गई। इन लोगों में कई सांसद, सरकार के सदस्य, व्यापार, मीडिया और अकादमिक प्रतिनिधि शामिल हैं। इन व्यक्तियों को रूस की स्टॉप-लिस्ट में जोड़ा जाएगा और देश में प्रवेश करने पर रोक लगा दी जाएगी।