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रूस से बड़ी खबरः कोरोना वैक्सीन हुई कामयाब, बढ़ी उम्मीद

रूस के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस से लडने में उनकी वैक्‍सीन बेहद कारगर साबित हुई है। इस वैक्‍सीन का प्रयोग जिन लोगों पर किया गया है उनमें सफलता का प्रतिशत 92 तक पाया गया है।

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Published on: 12 Nov 2020 6:16 AM GMT
रूस से बड़ी खबरः कोरोना वैक्सीन हुई कामयाब, बढ़ी उम्मीद
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रूस से आई उम्‍मीद भरी खबर, कोरोना की वैक्‍सीन कामयाब

लखनऊ: कोरोना के बढते मामलों के बीच रूस से बडी राहत देने वाली खबर आ रही है। रूस के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस से लडने में उनकी वैक्‍सीन बेहद कारगर साबित हुई है। इस वैक्‍सीन का प्रयोग जिन लोगों पर किया गया है उनमें सफलता का प्रतिशत 92 तक पाया गया है।

रूस की ओर से यह दावा एक दिन पहले किया गया है। मरीजों पर रूसी वैक्‍सीन स्‍पुतनिक –फाइव के प्रयोग किए जाने संबंधी आंकडे जारी करते हुए कहा गया है कि यह वैक्‍सीन मरीजों पर 92 प्रतिशत प्रभावी है। मतलब कि केवल आठ फीसदी मामलों में ही वैक्‍सीन को बेअसर पाया गया है। बता दें कि रूस ही दुनिया का वह पहला देश है जिसने कोरोना की वैक्सीन को रजिस्टर कराया है।

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यही इतना नहीं रूस में इस वैक्‍सीन का इस्‍तेमाल सितंबर महीने में ही शुरू कर दिया गया था। स्पुतनिक-V(Sputnik V) कोरोना वैक्सीन आम लोगों को दिये जाने के बाद अब रूसी अधिकारियों का कहना है कि महामारी के इस संकट में कोरोना को खत्म करने के लिए यह वैक्सीन कारगर साबित हुई है। अगस्त महीने में रूस के गामालेया साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ने स्पुतनिक वैक्सीन लांच किया था।

भारत में आपूर्ति के लिए तैयार है रूस

कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैक्‍सीन लांच करने वाला रूस इसे पूरी दुनिया में बेचने की कोशिश में है। भारत में वैक्‍सीन की आपूर्ति का संकेत रूस के अधिकारी पहले ही दे चुके हैं। भारत सरकार के साथ मिलकर रूस इस वैक्‍सीन का ट्रायल भी करना चाह रहा है लेकिन सोमवार को जब फाइजर इंक और बायोएनटेक कंपनी की तरफ से यह दावा किया गया कि उनकी वैक्सीन 90 फीसदी से अधिक प्रभावी है। तो रूस ने भी तत्काल बाद मानवीय परीक्षण के आखिरी दौर से गुजर रही अपनी वैक्‍सीन का परिणाम भी सार्वजनिक कर दिया।

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अब देखना यह होगा कि भारत के वैज्ञानिक व चिकित्‍सा संस्‍थान रूस की वैक्‍सीन को लेकर क्‍या रुख अपनाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में बडे पैमाने पर वैक्‍सीन का इस्‍तेमाल करने से पहले इसका ट्रायल करना जरूरी होगा। इस बारे में भारत सरकार को रूस के साथ मिलकर कार्य योजना तैयार करनी होगी। इसके बाद ही वैक्‍सीन का आयात किया जाना उचित रहेगा।

अखिलेश तिवारी

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