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खौफ में अमेरिका: रूस के फाइटर जेट से भीषण तबाही, आए 4 महाशक्तिशाली ब्रह्मास्त्र
रूस का सुखोई-57 फाइटर जेट अपने साथ 4 ओखोतनिक ड्रोन विमान ले जाने में सक्षम हो गया है। जो कि भयंकर हमले में काम आने के लिए बनाए गए हैं।
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में तबाही मचाने के ब्रह्मास्त्र आ गया है। रूस के पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट प्लेन सुखोई-57 में अब 4 ब्रह्मास्त्र सम्मिलित हो गए हैं। महाशक्तिशाली ये ब्रह्मास्त्र इतने ज्यादा खतरनाक हैं कि सुखोई के पायलट के सिर्फ एक इशारे पर दुश्मन का नामों निशान मिटा के वापस आ सकते हैं।
ऐसे में अब रूस का सुखोई-57 फाइटर जेट अपने साथ 4 ओखोतनिक ड्रोन विमान ले जाने में सक्षम हो गया है। जो कि भयंकर हमले में काम आने के लिए बनाए गए हैं। इस बारे में रूसी समाचार एजेंसी तास के अनुसार, सुखोई को बनाने वाले सूत्रों ने जानकारी दी है कि अटैक ड्रोन विमान को फाइटर जेट से संचालित करने की योजना पर काम चल रहा है।
महाशक्तिशाली ब्रह्मास्त्र
इस पर उन्होंने कहा कि यह फाइटर जेट 2 से लेकर 4 ओखोतनिक ड्रोन विमान ले जाने में सक्षम है। साथ ही रूस के इस ताजा ऐलान से अमेरिका और नाटो देशों की परेशानियां काफी ज्यादा बढ़ गई है।
ब्रह्मास्त्र के बारे में रूसी मीडिया के अनुसार, ओखोतनिक हैवी अटैक ड्रोन और सुखोई-57 फाइटर जेट एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे। ये ड्रोन विमान सुखोई पायलट के सिर्फ एक इशारे पर हवाई और जमीनी लक्ष्यों को बखूबी भेद सकते हैं।
बता दें, S-70 ओखोतनिक हमलावर ड्रोन विमान का निर्माण एसयू-57 को बनाने वाले सुखोई डिजाइन ब्यूरो ने किया है। सबसे अहम तो ये है कि ये ड्रोन विमान स्टील्थ तकनीक से लैस है और इसमें पूछ नहीं है। जिससे यह दुश्मन के रेडॉर की पकड़ में नहीं आता है।
साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि यह ड्रोन विमान 20 टन वजनी है और 1000 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इससे पहले ओखोतनिक ड्रोन ने 3 अगस्त 2019 को पहली बार उड़ान भरी थी। जिसमें लगभग 20 मिनट तक ये ड्रोन विमान ऑपरेटर के नियंत्रण में रहा। इसके बाद 27 सितंबर 2019 को ओखोतनिक ड्रोन ने सुखोई-57 के साथ मिलकर उड़ान भरी।
ऐसे में ड्रोन ने लगभग 1600 मीटर की ऊंचाई पर ऑटोमेटिक मोड पर हवा में कलाबाजी दिखाई। जिसमें यह पूरी उड़ान लगभग 30 मिनट तक चली। रूसी मीडिया तास के अनुसार, वर्ष 2024 से रूसी सैनिकों को ये घातक ड्रोन विमान मिलने लगेंगे।
ये रूसी फाइटर जेट सुखोई-57 अपनी जबरदस्त ताकत और क्षमता के दम पर उड़ान भरने के ठीक बाद सीधे आकाश की तरफ जाने में सक्षम है। इस फाइटर जेट का तमाम कठिन परिस्थितियों में परीक्षण किया गया है।
ऐसे में रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, एसयू-57 फाइटर जेट निचली उड़ान भरना हो या डॉग फाइट, हरेक युद्ध कौशल में माहिर है। इस फाइटर जेट को और अधिक दमदार बनाने के लिए जल्द ही इसमें नया पावरफुल इंजन लगाया जाने वाला है।
बताया जा रहा कि कुछ साल बाद इसे अंतरराष्ट्रीय हथियारों के बाजार में भी उतारा जाएगा। इसको खरीदने के लिए तुर्की समेत कई देशों ने भी इच्छा जताई है।
रूसी एयरफोर्स में शामिल करने की इजाजत
सूत्रों से सामने आई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2018 में रूस ने युद्ध प्रभावित सीरिया में Su-57E विमान के सभी हथियारों और बचाव प्रणालियों का परीक्षण किया था। साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि सीरिया में सफल रहने के बाद इसे रूसी एयरफोर्स में शामिल करने की इजाजत दी गई है। वहीं Su-57E को रूसी कंपनी सुखोई ने बनाया है।
इस पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ विमान दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त कर सकता है। ऐसे में अमेरिकी मीडिया ने रूस के सुखोई Su-57 विमान को अपने क्लास में सर्वश्रेष्ठ एयर सुपिरियरिटी वाला लड़ाकू विमान की उपाधि दी है।
इसके बारे में कहा गया है कि किसी भी अन्य विमानों के मुकाबले डॉगफाइट के दौरान इस लड़ाकू विमान को बढ़त मिलेगी। यह भविष्य में नाटो देशों का मुख्य लड़ाकू विमान बनने वाले अमेरिका के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान F-35 को भी हरा सकता है।
साथ ही ये भी बताया कि रूस का Su-57 लड़ाकू विमान खर्च के मामले में भी लॉकहीड मॉर्टिन के F-35 से सस्ता है। इसकी डिजाइन और एवियोनिक्स भी ज्यादा एरोडॉयनामिक्स हैं। यह ऑफ्टरबर्नर का उपयोग किए बिना ही 2 मैक (लगभग 2500 किमी प्रति घंटे) की रफ्तार पकड़ सकता है। यहां तक कि इसकी सबसोनिक रेंज 3500 किलोमीटर से भी अधिक है।
रूसी फाइटर जेट सुखोई Su-57 जमीन पर हमला करने वाली एयर टू ग्राउंड अटैक मिसाइले भी शामिल हैं। रूसी जेट विम्पेल आर -37 एम हाइपरसोनिक मिसाइल के अलावा परमाणु हमला करने में सक्षम Kh-47M2 Kinzhal मिसाइल से भी हमला करने में सक्षम है।
वहीं अब इस वजह से एसयू-57 को लेकर अमेरिका में भी दहशत का माहौल है। क्योंकि तब जब यह विमान अमेरिका के सबसे आधुनिक विमान F-35 से मुकाबला कर सकता है। ऐसे में अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस के इस अत्याधुनिक लड़ाकू विमान से अमेरिका के ही नहीं, बल्कि नाटो के भी कई सैन्य ठिकानों को काफी ज्यादा खतरा हो सकता है।