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Safest country in the world: दुनिया के सुरक्षित देशों की लिस्ट में भारत 60वें नम्बर पर
Safest country in the world: दुनिया के 180 देशों में भारत का स्थान 60 वाँ है। यानी आप समझ सकते हैं कि दुनिया में रहने के लिहाज़ से भारत एक अच्छा देश है।
Safest country in the world: अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ भारत के बार में तमाम तरह के सर्वे करती हैं। उन सर्वे के माध्यम से कई बार हमें डराती हैं। कई बार हमें नीचा भी दिखाती हैं। आप ने सुना होगा और पढ़ा होगा कि हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत बहुत पीछे है। हंगर इंडेक्स में भी बहुत नीचे है। आपने ऐसा भी सोचा होगा कि तमाम मामलों में भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों से पिछड़ गया है। पर आपके लिए एक बहुत ख़ुशी की खबर है कि सुरक्षित देशों के मामले में भारत ने सौ में अस्सी नंबर हासिल किया है।
दुनिया के 180 देशों में भारत का स्थान 60 वाँ है। यानी आप समझ सकते हैं कि दुनिया में रहने के लिहाज़ से भारत एक अच्छा देश है। जो लोग रहने के लिहाज़ से भारत छोड़ कर जा रहे हैं, उनके लिए यह परेशान करने वाली बात होगी कि भारत लगातार ऊपर चढ़ता चला जा रहा है। सौ में अस्सी नंबर पाना भारत के लिए और भारतवासियों के लिए बहुत गर्व का विषय है। ख़ुशी का विषय है। प्रसन्नता का विषय है।
सौ में अस्सी नंबर का स्कोर यह बताता है कि इस देश में अधिक लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। सिंगापुर 96 स्कोर के साथ सबसे पहले पावदान पर है, जबकि अफगानिस्तान 51 के स्कोर के साथ सूची में सबसे नीचे है।
सिंगापुर के बाद ताजिकिस्तान, नॉर्वे, स्विटजरलैंड, इंडोनेशिया को शीर्ष पांच में स्थान मिला है, जबकि दक्षिण अमेरिका में वेनेजुएला और अफ्रीका में सिएरा लियोन, कांगो, गैबोन निचले पांच में हैं। लाओस, सर्बिया, ईरान और न्यूजीलैंड के बराबर 82 के स्कोर के साथ पाकिस्तान सूची में 48वें स्थान पर है। अमेरिका, इटली, जर्मनी को 83, ऑस्ट्रेलिया को 84 और कनाडा को 87 अंक मिले हैं।
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि दुनिया भर में 10 में से सात लोग जिस भी देश में रहते हैं, वहाँ रात में अकेले चलने में सुरक्षित महसूस करते हैं। उनको यह उम्मीद है कि उनके देश की पुलिस उनकी मदद करेगी। पुलिस पर उनका यक़ीन भी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुल मिलाकर, सुरक्षा मेट्रिक्स 2020 और 2021 के बीच स्थिर हैं।
वार्षिक गैलप सर्वेक्षण ने 122 से अधिक देशों और क्षेत्रों में 2021 और 2022 की शुरुआत में 15 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 1,27,000 लोगों का साक्षात्कार लिया। कार्यप्रणाली की व्याख्या किए बिना, गैलप ने कहा कि सूचकांक चार सवालों के जवाब के आधार पर एक समग्र स्कोर है, जो उनकी सुरक्षा की भावना और कानून प्रवर्तन में विश्वास को मापने के लिए है।
सर्वे में जो चार सवाल पूछे गये थे, उसमें पहला सवाल यह था- कि क्या आप जिस शहर में रहते हैं, वहाँ की पुलिस पर आपको भरोसा है?
दूसरा सवाल यह था कि आप जिस इलाक़े में रहते है, वहाँ रात को चलते समय खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं?
तीसरा सवाल यह था कि आप जहां भी रहते हैं, वहाँ बीते बारह महीनों में किसी के पैसे की या संपत्ति की चोरी हुई है।
चौथा और अंतिम सवाल यह था कि बीते बारह महीने में आप के साथ लूट या मारपीट का कोई घटना हुई हैं या नहीं?
रिपोर्ट के अनुसार, 71 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि वे रात में अकेले चलना सुरक्षित महसूस करते हैं। 70 फीसदी लोगों ने यह कहा कि वह जहां रहते हैं, वहाँ की स्थानीय पुलिस पर उनका भरोसा है।
11 फीसदी लोगों ने केवल यह कहा कि वो जहां रहते हैं, उनके घर के आसपास चोरी हुई है। और छह फ़ीसदी लोग ही यह बता पाये कि उनके साथ पिछले बारह महीने में लूट या मारपीट की कोई न कोई वारदात हुई है।
इस तरह हम कह सकते हैं कि जिस पुलिस को लेकर के बहुत तंज कसा जाता है, वह पुलिस आज भी बहुत मुस्तैद हैं। इसका जो उत्तर प्रदेश में वाक्य है- "परित्राणाय साधूनां, विनाशाय च दुष्कृताम" वह उस पर काम कर रही है।