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सऊदी अरब ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर्स पर सुनाया बड़ा फैसला, विरोध करने वालों को दिया ये जवाब

सऊदी अरब ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर्स की आवाज को कम रखने को लेकर हुए फैसले पर अपना बचाव किया है।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 1 Jun 2021 11:54 AM GMT
Saudi Arabia has defended its decision to keep the noise of loudspeakers in mosques low.
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 मस्जिदों में लाउडस्पीकर्स (फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: मस्जिदों में लाउडस्पीकर्स को लेकर एक बार फिर से चर्चाएं तेज हो उठी हैं। सऊदी अरब ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर्स की आवाज को कम रखने को लेकर हुए फैसले पर अपना बचाव किया है। ऐसे में सऊदी अरब के इस्लामी मामलों के मंत्री शेख डॉ अब्द अल लतीफ अल-शेख ने कहा कि परिवारों की शिकायत के बाद मस्जिदों में लाउडस्पीकर्स की आवाज कम करने का आदेश दिया गया है। इस पर परिवारों की शिकायत थी कि मस्जिदों में बजने वाले लाउडस्पीकर्स तेज आवाज में बजने से बच्चों की नींद खराब हो जाती है।

दरअसल में बीते सप्ताह मस्जिदों में लाउडस्पीकर्स को लेकर जारी एक सर्कुलर में सऊदी अरब प्रशासन ने उपयोग सीमित रखने को कहा था। बता दें, सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्री शेख डॉ अब्द अल लतीफ अल-शेख ने इसे लेकर एक सर्कुलर जारी किया था। वहीं इस सर्कुलर में मस्जिदों को सिर्फ अजान (नमाज के लिए बुलावा) और इकामत (नमाज के लिए तक्बीर) के लिए ही लाउडस्पीकर के उपयोग की मंजूरी दी गई है।

लाउडस्पीकर्स के उपयोग पर निर्देश

ऐसे में प्रशासन द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में लाउडस्पीकर की आवाज को लाउडस्पीकर की क्षमता का एक तिहाई ही रखने के लिए कहा गया है। इस निर्देश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, सऊदी अरब में दो साल पहले मस्जिदों में लाउडस्पीकर्स के उपयोग को सीमित करने को लेकर चर्चा शुरू हुई थी।

बता दें, सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने मस्जिद में लाउडस्पीकर्स पर रोक का फैसला एक शरीआ कानून और शेख मोहम्मद बिन सालेह अल उथायमीन और सालेह बिन फाजान अल फाजान के फतवा को आधार बना कर किया। वहीं जारी किए गए इस निर्देश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लाउडस्पीकर्स की ऊंची आवाज किसी के लिए असुविधाजनक न हो।

इस बारे में सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्री शेख डॉ अब्द अल लतीफ अल-शेख ने जारी वीडियो संदेश में कहा, परिवारों की शिकायत थी कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर्स के हाई वॉल्यूम आवाज के चलते उन्हें दिक्कत होती है। लाउडस्पीकर्स की आवाज के चलते बुजुर्गों और बच्चों की नींद में खलल पड़ती है।

पवित्र कुरान को पढ़ने पर रोक

आगे मंत्री ने कहा, "जो लोग नमाज़ पढ़ना चाहते हैं, उन्हें इमाम की आवाज़ का इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं है। उन्हें पहले ही मस्जिद पहुंचना चाहिए।" उन्होंने कहा कि कई टीवी चैनल भी नमाज़ का प्रसारण कर रहे हैं।

इस कड़ी में सऊदी के मोहम्मद अल-याह्या ने ट्वीट किया, "कुछ लोगों की परेशानी का हवाला देकर लाउडस्पीकर के माध्यम से पवित्र कुरान को पढ़ने पर रोक लगा दी गई है। हम उम्मीद करते हैं कि रेस्तरां और बाजारों में भी तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकर्स पर संज्ञान लिया जाएगा।"

आगे इस्लामिक मामलों के मंत्री अल शेख ने कहा कि कुछ लोग नफरत के चलते शासक की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हुकूमत के दुश्मन अवाम को भड़काना, प्रशासन के फैसलों पर संदेह करना और अपने संदेशों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को खत्म करना चाहते हैं।"

Vidushi Mishra

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