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सऊदी अरब में भारतीयों के बुरे दिन

seema
Published on: 20 July 2018 7:45 AM GMT
सऊदी अरब में भारतीयों के बुरे दिन
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सऊदी अरब में भारतीयों के बुरे दिन.

रियाद : सऊदी अरब में रहने वाले भारतीय इन दिनों गहरी मुसीबत में फंस गए हैं। सऊदी अरब में सऊदी फस्र्ट की नीति पर अमल किया जा रहा है। इस नीति पर फोकस करने के साथ सऊदी अरब में रहने वाले विदेशियों के लिए फैमिली टैक्स दोगुना किया गया है। इससे यहां रहने वाले हजारों भारतीय वतन लौटने को मजबूर हैं। भारतीय ही नहीं बल्कि यहां रहने वाले दूसरे अन्य देशों के लोग भी सऊदी अरब छोडऩे के लिए मजबूर हैं। सऊदी अरब में विदेशियों पर फैमिली टैक्स की शुरुआत 2017 में हुई थी। तब ये 100 रियाल यानी 1828 रुपए प्रति महीने प्रति व्यक्ति था। 2018 में इसे 3656 रुपए कर दिया गया। ऐसे में भारतीय लोग परिवार के अतिरिक्त सदस्यों को भारत वापस भेज रहे हैं। सरकार आने वाले समय में इसमें और बढ़ोतरी करेगी। तय किया गया है कि फैमिली टैक्स 2020 तक चार गुना कर दिया जाएगा। इसके अलावा बिजली, पानी और ईंधन के दामों में भी भारी बढ़ोतरी की गयी है। इसे भी विदेशी नागरिकों के पलायन की वजह मानी जा रही है।

विदेशियों के काम करने पर पाबंदी

सऊदी सरकार इन दिनों देश में बेरोजगारी खत्म करने पर फोकस कर रही है। सरकार ने 2020 तक बेरोजगारी कम करने का लक्ष्य रखा है। बेरोजगारी खत्म करने के लिए ही सऊदी फस्र्ट की नीति पर अमल किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि देश में रोजगार के अवसरों पर पहला हक देश के लोगों का होना चाहिए। सऊदी फस्र्ट की नीति का मतलब यह है कि कंपनियों को सऊदी के नागरिकों को वरीयता देनी होगी। उसके बाद ही बाहर के लोगों को नौकरियां दी जा सकेंगी। कई जगहों पर तो विदेशियों को काम देने पर पूरी तरह पाबंदी भी लगा दी गयी है। घडिय़ों, चश्मे, मेडिकल स्टोर, इलेक्ट्रिकल शॉप, कार शोरूम, बिल्डिंग मेटेरियल की दुकानों, कारपेट स्टोर, ऑटोमोबाइल, मोबाइल दुकानों, फर्नीचर के शोरूम, रेडीमेड गारमेंट्स, घरेलू जरूरतों की दुकानों और पेस्ट्री शॉप में विदेशियों के काम करने पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी है। इस तरह देश में टैक्स बढऩे के साथ ही विदेशियों के लिए रोजगार के अवसर भी खत्म होते जा रहे हैं।

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ईंधन व बिजली हुई महंगी

फैमिली टैक्स के अलावा सऊदी अरब में बढ़ती ईंधन की कीमतें भी विदेशियों के लिए मुसीबत बन गयी हैं। दिसंबर 2017 से ईंधन के दाम दोगुने हो गए हैं। एक लीटर ऑक्टेन-91 ईंधन की कीमत दिसंबर में 75 हलाला (रियाल का सौवां हिस्सा) थी, अब 1.38 रियाल यानी 25 रुपए हो गई है। बिजली के दामों में तीन गुना तक इजाफा हुआ है। यह बढ़ोतरी लोगों के लिए मुसीबत बन गयी है। पहले जिस परिवार का बिजली का बिल 200 रियाल यानी 3600 रुपए आता था, अब उसे 600 रियाल यानी 10 हजार 800 रुपए बिल भरना पड़ रहा है। इससे लोगों के खर्चे का बजट गड़बड़ा गया है।

वीजा की फीस भी बढ़ी

सऊदी अरब सरकार ने विदेशियों को मुसीबत में डालने वाला एक और कदम उठाया है। सरकार ने फैमिली वीजा की फीस 2000 रियाल यानी 36 हजार रुपए कर दी है। पहले यह वीजा मुफ्त में बनता था। सिंगल एग्जिट रीएंट्री वीजा की फीस 1 साल के लिए 3600 रुपए थी। अब इसकी अवधि घटाकर 2 महीने कर दी गई है। इसके बाद इसे बढ़ाने के लिए 1800 रुपए हर महीने देने होंगे। यह बोझ भी भारतीयों के लिए भारी पड़ रहा है।

सऊदी में केरल के लोग सबसे ज्यादा

सऊदी अरब में काम करने वाले भारतीयों की संख्या काफी ज्यादा है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 32.5 लाख भारतीय यहां विभिन्न तरीके के काम कर रहे हैं। यहां काम करने वालों में केरल के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। यहां काम करने वालों में करीब 40 फीसदी केरल और 25 फीसदी तेलंगाना के हैं। इसके बाद महाराष्टï्र, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के लोगों का नंबर आता है। वैसे अभी तक इस बात का कोई आंकड़ा जारी नहीं हुआ है कि सऊदी अरब से कितने भारतीय अपने वतन लौटे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि वापस लौटने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। हैदराबाद व केरल के स्कूलों के मुताबिक अचानक यहां एनआरआई बच्चों का दाखिला बढ़ा है। माना जा रहा है कि इनमें से ज्यादा संख्या सऊदी अरब से लौटने वालों की ही है।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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