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'एक अरब डॉलर के सौदे के बाद' सऊदी अरब के वरिष्ठ राजकुमार रिहा

Rishi
Published on: 29 Nov 2017 10:29 PM IST
एक अरब डॉलर के सौदे के बाद सऊदी अरब के वरिष्ठ राजकुमार रिहा
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अबू धाबी : सऊदी अरब के वरिष्ठ राजकुमार मितेब बिन अब्दुल्ला को देश में व्यापक 'भ्रष्टाचार-रोधी' अभियान के तहत तीन सप्ताह तक हिरासत में रखने के बाद रिहा कर दिया गया है। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, राजकुमार मितेब को एक वक्त सिंहासन के दावेदार के तौर पर देखा जाता था। उन्हें मंगलवार को अधिकारियों के साथ एक अरब डॉलर से अधिक के एक 'स्वीकार्य समझौते' से सहमत होने के बाद रिहा किया गया।

वह उन 200 से अधिक राजकुमारों, मंत्रियों और व्यवसायियों में से एक हैं, जिन्हें 4 नवंबर को भ्रष्टाचार-रोधी अभियान के तहत हिरासत में लिया गया था।

अधिकारियों के मुताबिक, कम से कम तीन अन्य भी 'समझौते' पर सहमत हुए हैं।

राजकुमार ने इस बारे में अब तक कोई भी टिप्पणी नहीं की है और यह स्पष्ट नहीं है कि अब वह स्वतंत्र रूप से कहीं आ जा सकते हैं या फिर वह किसी रूप में नजरबंद हैं।

दिवंगत राजा अब्दुल्ला के 65 वर्षीय बेटे राजनीतिक रूप से सबसे प्रभावशाली शाही सदस्य थे जिन्हें हिरासत में लिया गया था। उनके 32 वर्षीय चचेरे भाई युवराज मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में एक नवगठित भ्रष्टाचार रोधी समिति के आदेश के तहत हिरासत में लिया गया था।

प्रिंस मितेब नेशनल गार्ड के मंत्री थे। यह 100,000 जवानों का कुलीन सुरक्षा बल है जो शाही नेताओं की रक्षा के लिए काम करता है। हिरासत में लिए जाने से कुछ घंटों पहले ही उन्होंने पद से बरखास्त कर दिया गया था।

बीबीसी की खबर के मुताबिक, वह रियाद के पांच सितारा रिट्ज-कार्लटन होटल में अपने भाई प्रिंस तुर्की बिन अब्दुल्ला के साथ ठहरे हुए थे। तुर्की बिन अब्दुल्ला रियाद प्रांत के पूर्व गवर्नर रह चुके हैं।

इसके अलावा अरबपति निवेशक प्रिंस अलवलीद बिन तलाल, एमबीसी टीवी नेटवर्क के मालिक अलवलीद अल-इब्राहिम, सऊदी अरब जनरल इनवेस्टमेंट अथॉरिटी के पूर्व प्रमुख अम्र अल-दब्बाघ और रॉयल कोर्ट के पूर्व प्रमुख खालिद अल-तुवाइजरी भी हिरासत में हैं।

--आईएएनएस



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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