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संक्रमित मरीजों के सीने में दर्द, रिपोर्ट में दावा- कोरोना से शरीर में होती हैं ये तकलीफें

कुछ विशेषज्ञों ने कोरोना मरीजों पर अध्ययन किया है इस अध्ययन के बाद यह दाव किया गया है कि कोरोना दुष्प्रभाव जाने के बाद भी कोरोना मरीजों में सीने में दर्द के साथ-साथ मधुमेह और फेफड़ो में खून का थक्का...

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Published on: 24 March 2021 9:32 AM IST
संक्रमित मरीजों के सीने में दर्द, रिपोर्ट में दावा- कोरोना से शरीर में होती हैं ये तकलीफें
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संक्रमित मरीजों के सीने में दर्द, रिपोर्ट में दावा

नई दिल्लीः कुछ विशेषज्ञों ने कोरोना मरीजों पर अध्ययन किया है इस अध्ययन के बाद यह दाव किया गया है कि कोरोना दुष्प्रभाव जाने के बाद भी कोरोना मरीजों में सीने में दर्द के साथ-साथ मधुमेह और फेफड़ो में खून का थक्का जमना आदि तममा तरह की तकलीफे देखने को मिली है।

किसने विशेषज्ञों ने मिलकार किया यह अध्ययनः

आप को बता दें कि कोरोना वायरल एक बार फिर से लौट कर आ गया है दिन ब दिन कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। कोरोना से लड़ने के लिए टीकाकरण भी लगवाया जा रहा है। इनमें से कुछ कोरोना संक्रमित मरीज भले ही कोरोना को हरा दिया हो लेकिन इसको बाद भी इन लोगों के अंदर कोरोना की कुछ लक्षण पाए जा रहे हैं। इन सभी को लेकर 30 विशेषज्ञों ने मिलकर कोरोना मरीजों पर अध्ययन किया।

क्या कहा वैज्ञानिकों नेः

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जिन मरीजों को लंबे वक्त से कोरोना का लक्षण दिखे हैं उन लोगों में पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ रही। कोलंबिया यूनिवर्सिटी की इलेन वाई वैन ने दावा किया की कुछ युवा मरीजों में पाया गया कि संक्रमण के बाद भी उनकी हृदय गति तेज रही।

हृदय में तकलीफ हो सकता है कोरोना का कारणः

विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद लोगों को स्ट्रोक, हृदय गति रूकने के साथ हृदय को बड़ा नुकसान हो सकता है। जहां पर शोधकर्ता एनी नलबांदियन का कहना है कि इस तरह की तकलीफें पोस्ट कोविड का कारण हो सकती है। वही कुछ मरीजों को असहज महसूस होने के साथ फैसला लेने की क्षमता और ध्यान केंद्रित करने में भी तकलीफ हो रही है। कुछ मरीजों को संक्रमण के बाद अंग संबंधी तकलीफ देखने को भी मिल रही है।

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डॉक्टरों से सलाह लेना जरूरीः

विशेषज्ञों का कहना है कि पोस्ट कोविड लक्षणों और स्वास्थ्य संबंधी तकलीफों से बचने के लिए रोज डॉक्टरी सलाह जरूरी है। और खासकर उन लोगों को जो कोरोना को मात देकर वापस लाए हैं। उनको अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सतर्क रहना होगा।

ये हो रही दिक्कते तो देर न करेः

अगर आप को भी हृदय संबंधी, पाचन संबंधी, मस्तिष्क संबंधी या फेफड़ों या सांस संबंधी कोई तकलीफ होती है तो बिना देर किए डॉक्टरी सलाह लें और भविष्य के खतरे से अपना बचाव करें। और समय रहते ही वायरस के दुष्प्रभाव का का पता चल रहा है।ये भी पढ़ेंःपेट्रोल डीजल सस्ता: होली से पहले आम आदमी को राहत, कीमत हुई इतनी कम

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