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SCO Meeting: दुशांबे में मिले भारत-चीन के विदेश मंत्री, क्या दोनों देशों के बीच इन मुद्दों पर बनेगी सहमति?

SCO Meeting: SCO की बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति में कोई भी एकतरफा बदलाव भारत को स्वीकार्य नहीं।

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Newstrack NetworkPublished By Satyabha
Published on: 15 July 2021 4:27 PM IST
SCO Meeting: दुशांबे में मिले भारत-चीन के विदेश मंत्री, क्या दोनों देशों के बीच इन मुद्दों पर बनेगी सहमति?
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एस जयशंकर और वांग यी फोटो- सोशल मीडिया

SCO Meeting: दुशांबे में SCO की बैठक के दौरान भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization) के सदस्यों से आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया। इस बैठक में अफगानिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर व्यापक चर्चा की गयी। वहीं SCO की बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अपने चीनी (China) समकक्ष वांग यी (Wang Yi) से कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति में कोई भी एकतरफा बदलाव भारत को स्वीकार्य नहीं। उन्‍होंने कहा क‍ि पूर्वी लद्दाख में शांति की पूर्ण बहाली के बाद ही संबंध समग्र रूप से विकसित हो सकते हैं।

SCO बैठक में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह उन मामलों का 'आपस में स्वीकार्य समाधान' खोजने के लिए तैयार है, जिन्हें वार्ता के जरिए सुलझाए जाने की आवश्यकता है। चीनी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर जयशंकर और वांग के बीच हुई वार्ता के संबंध में एक पोस्ट कर कहा कि भारत और चीन के संबंध (India China ties) निचले स्तर पर बने हुए हैं, जबकि गलवान घाटी (galwan valley clash) एवं पैंगोंग झील से बलों की वापसी के बाद सीमा पर हालात सुधर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद चीन और भारत के संबंध अब भी निचले स्तर पर हैं, जो किसी के हित में नहीं है।

भारत की सीमा पर स्थिति के लिए चीन जिम्मेदार नहीं

चीन ने एक बार फिर अपने पुराने रुख को दोहराते हुए कहा कि वह चीन से लगी भारत की सीमा पर स्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं है। वांग ने कहा कि 'चीन उन मामलों का आपस में स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए तैयार है, जिन्हें भारतीय पक्ष के साथ वार्ता एवं विचार-विमर्श के जरिए सुलझाए जाने की आवश्यकता है। बता दें कि चीन ने गलवान घाटी और पैंगोंग त्सो से अपने सैनिकों को हटा लिया है, लेकिन पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग समेत अन्य क्षेत्रों से बलों को हटाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। जयशंकर ने वांग से स्पष्ट रूप से कहा है कि पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति से द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।

इस पर वांग का कहना है कि सीमा संबंधी मामले को द्विपक्षीय संबंधों में उचित स्थान पर रखना चाहिए। सकारात्मक पहलुओं पर वार्ता के जरिए मतभेदों के समाधान के अनुकूल माहौल पैदा करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'बलों के पीछे हटने के कारण मिली उपलब्धियों को आगे बढ़ाना, दोनों पक्षों के बीच बनी सर्वसम्मति एवं समझौते का सख्ती से पालन करना, संवेदनशील विवादास्पद क्षेत्रों में कोई एकतरफा कदम उठाने से बचना और गलतफहमी के कारण पैदा हुए हालत को फिर से पैदा होने से रोकना महत्वपूर्ण है।'

दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता

चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि 'हमें दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, हमें आपात प्रबंधन से सामान्य सीमा प्रबंधन एवं नियंत्रण तंत्र में स्थानांतरण की आवश्यकता है और हमें सीमा संबंधी घटनाओं को द्विपक्षीय संबंधों में अनावश्यक व्यवधान पैदा करने से रोकने की आवश्यकता है।' उन्होंने कहा, 'चीन-भारत संबंधों पर चीन के रणनीतिक रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। चीन-भारत संबंध एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं, बल्कि एक-दूसरे के विकास का अवसर होने चाहिए। दोनों देश साझेदार हैं, वे प्रतिद्वंद्वी और दुश्मन नहीं हैं।'

हालांकि, इससे पहले भी भारत ने चीन को स्पष्ट संदेश दिया था कि पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति के लंबे समय तक बने रहने के कारण द्विपक्षीय संबंध स्पष्ट रूप से 'नकारात्मक तरीके' से प्रभावित हो रहे हैं। SCO बैठक में अफगानिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर व्यापक चर्चा की गयी। SCO के सदस्यों द्वारा अफगानिस्तान, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक सुधार पर मुख्य रूप से चर्चा की गयी। इसके अलावा, आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला करने के मुद्दों को उठाया गया था।



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