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स्कॉटलैंड ने बनाई सबसे ताकतवर टरबाइन, समुद्र के पानी से बनाती है बिजली
समुद्र की लहरों का एक बेहद नायाब इस्तेमाल किया है स्कॉटलैंड ने। उसने 680 टन का विशालकाय टरबाइन समुद्र में खड़ा किया है जिसने समुद्र की चढ़ती उतरती लहरों से बिजली पैदा करना शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली: एक मुहावरा है 'समंदर की लहरें गिनना' जिसका मतलब है कि बेकार के काम में वक्त बर्बाद करना। लेकिन अब समंदर की यही लहरें बहुत काम की साबित हो रही हैं और इनसे बिजली बनाने का काम लिया जा रहा है।
समुद्र की लहरों का एक बेहद नायाब इस्तेमाल किया है स्कॉटलैंड ने। उसने 680 टन का विशालकाय टरबाइन (giant turbine) समुद्र (Sea) में खड़ा किया है जिसने समुद्र की चढ़ती उतरती लहरों से बिजली पैदा (generate electricity) करना शुरू कर दिया है। ये दुनिया का सबसे शक्तिशाली टरबाइन है।
ऑर्बिटल 02 नामक ये टरबाइन समुद्र में जहाज की तरह तैरता रहेगा और इसकी क्षमता 2 हजार घरों की सालाना बिजली जरूरतों को अगले 15 साल तक पूरा करने की है। इस टरबाइन को ऑर्बिटल मरीन पावर ने 15 साल की रिसर्च के बाद डेवलप किया है। हालांकि रिसर्च पूरा होने के 18 महीने के भीतर इस कम्पनी ने अपने पहले कमर्शियल टरबाइन का निर्माण कर लिया। इसके निर्माण में स्कॉटलैंड की सरकार ने सहयोग दिया है।
कैसे काम करता है टरबाइन
ऑर्बिटल 02 एक पवन चक्की की तरह काम करता है। फर्क इतना है कि ये पानी में डूबा रहता है। इस टरबाइन के निचले हिस्से में दो भारी भरकम रोटर यानी पंखे होते हैं जो ज्वारभाटा की तगड़ी लहरों से घूमने हैं। स्कॉटलैंड के उत्तरपूर्वी तट पर दुनिया के सबसे तेज ज्वारभाटा आते हैं सो इसका भरपूर लाभ ये टरबाइन उठाता रहेगा।
ज्वार भाटा पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा की गति की समन्वय गति और चुम्बकीय शक्ति में परिवर्तन की वजह से आते हैं। समुद्र की लहरों से बिजली पैदा करने वाले टरबाइन बनाना महंगा जरूर है लेकिन वायु अथवा सौर ऊर्जा की अपेक्षा इनका संचालन पूर्व निर्धारित किया जा सकता है। इसकी वजह ये है कि ज्वारभाटा हमेशा निश्चित समय पर आते हैं जबकि हवा और धूप का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है।
स्थिर रखने के लिए किया गया लंगरों का इस्तेमाल
ऑर्बिटल 02 को एक जगह पर स्थिर रखने के लिए चार लंगरों का इस्तेमाल किया गया है। इन लंगरों की चेन बहुत मजबूत हैं और एक-एक चेन 50 से ज्यादा डबलडेकर बसें उठा सकती है। इस टरबाइन के पंखे घूमने से जो बिजली पैदा होती है वह समुद्र तल में पड़े केबल के जरिये ओर्कने नामक शहर में स्थित बिजली घर तक पहुंचती है जहां से इसे लोकल ग्रिड से जोड़ दिया गया है। ओर्कने के बाशिंदों को अब अपने समुद्र तट पर आती लहरों से पैदा हुई बिजली मिलती है। दो मेगावाट के इस टरबाइन को मई महीने में पानी में उतारा गया था और इसका कनेक्शन बिजली घर से जोड़ दिया गया था।
ऑर्बिटल 02 समुद्र तट से 35 मीटर आगे खड़ा किया गया है। जैसे ही समुद्र की लहरें चढ़ती हैं, ये बिजली बनाना शुरू कर देता है। जब ज्वार थम जाता है तो टरबाइन के पंखे दूसरी दिशा में घूमने लगते हैं और दोबारा बिजली बनना शुरू हो जाती है। यानी लहरों के चढ़ने और उतारने, दोनों दिशा में टरबाइन बिजली बनाता है।
शक्तिशाली ज्वारभाटा लहरें 'फॉल ऑफ वारनेस' में
ऑर्बिटल मरीन पावर के चीफ एग्जीक्यूटिव एंड्रू स्कॉट का कहना है कि इस मशीन को सफलतापूर्वक चलाना बिजली उत्पादन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे क्लीन और ग्रीन एनर्जी के उत्पादन में नए बदलाव लाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी कम्पनी का विज़न है कि इस प्रोजेक्ट का इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जाए क्योंकि इससे जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। कंपनी का कहना है कि उसने स्कॉटलैंड के उत्तर पूर्वी तट स्थित 'फॉल ऑफ वारनेस' को इसलिए चुना क्योंकि यहां दुनिया की सबसे शक्तिशाली ज्वारभाटा लहरें आती हैं। कंपनी को स्कॉटलैंड सरकार की तरफ से 34 लाख पाउंड की सहायता मिली है।