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इतिहास में पहली बार: हीरे के अंदर मिला ऐसा चीज, वैज्ञानिक भी हैरान

खदान में हीरे मिलने की बात तो आपने सुनी होगी, लेकिन क्या आपने नहीं हीरे के अंदर भी हीरा मिलने की खबर सुनी है। लेकिन रूस के साइबेरिया की एक खदान में एक हीरे के अंदर एक और हीरा पाया गया है। इतिहास में ऐसा पहली हुआ है।

Dharmendra kumar
Published on: 14 July 2023 11:49 AM GMT
इतिहास में पहली बार: हीरे के अंदर मिला ऐसा चीज, वैज्ञानिक भी हैरान
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मॉस्को: खदान में हीरे मिलने की बात तो आपने सुनी होगी, लेकिन क्या आपने नहीं हीरे के अंदर भी हीरा मिलने की खबर सुनी है। लेकिन रूस के साइबेरिया की एक खदान में एक हीरे के अंदर एक और हीरा पाया गया है। इतिहास में ऐसा पहली हुआ है।

रूस की खदान कंपनी अलरोसा पीजेएससी ने यह जानकारी दी है। अलरोसा ने बयान जारी कर कहा कि हीरा 80 करोड़ साल से ज्यादा पुराना हो सकता है। इसे रूस की पारंपरिक गुड़िया 'मैट्रीओशका' जैसा बताया जा रहा है। उस गुड़िया में बड़ी गुड़िया के अंदर छोटी गुड़िया रहती है।

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मैट्रीओशका हीरे का वजन 0.62 कैरट है, जबकि इसके अंदर पाए गए पत्थर का वजन 0.02 कैरट है। अलरोसा के ‘रिसर्च ऐंड डिविलपमेंट जियोलॉजिकल एंटरप्राइज’ के उपनिदेशक ओलेग कोवलचुक ने बताया कि जहां तक हमें जानकारी वैश्विक हीरे के खनन के इतिहास में अभी तक इस तरह का हीरा नहीं मिला है, यह वास्तव में प्रकृति की एक अनूठी रचना है।

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यह हीरा साइबेरियाई क्षेत्र यकुशिया के न्युरबा खदान में पाया गया है, हालांकि इसको याकुत्स्क डायमंड ट्रेड एंटरप्राइज ने छांटा, जिसने कीमती पत्थर की प्रकृति की खोज की और विश्लेषण के लिए रिसर्च ऐंड डिविलपमेंट जियोलॉजिकल एंटरप्राइज को दिया।

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वैज्ञानिकों के मुताबिक एक्स-रे माइक्रोटोमोग्राफी के साथ स्पेक्ट्रोस्कोपी के कई अलग-अलग तरीकों का उपयोग करके पत्थर की जांच की। अलरोसा के एक प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी की योजना है कि आगे के विश्लेषण के लिए अमेरिका के जेमोलॉजिकल इंस्टिट्यूट को मैट्रीओशका हीरा भेजा जाए।

Dharmendra kumar

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