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Uzbekistan: गाम्बिया के बाद उज्बेकिस्तान का भारतीय दवा कंपनी पर आरोप, कफ सिरप पीने से 18 बच्चों की हुई मौत

Uzbekistan: गाम्बिया के बाद उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया कि, भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक के कफ सिरप से उनके यहां 18 बच्चों की मौत हुई है।

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Written By aman
Published on: 28 Dec 2022 8:50 PM IST (Updated on: 28 Dec 2022 8:54 PM IST)
several children died after consuming made in india cough syrup in uzbekistan alleged
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डॉक-1 मैक्स (Social Media)

Uzbekistan: गाम्बिया (Gambia) और उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) ने भारतीय दवा कंपनी पर गंभीर आरोप लगाया है। इन दोनों देशों का कहना है कि भारतीय दवा कंपनी का कफ सिरप (Cough Syrup) पीने से उनके यहां बच्चों की मौत हुई है। गाम्बिया में कथित तौर पर 66 बच्चों की मौत का दावा किया जा रहा है वहीं अब उज्बेकिस्तान ने अपने यहां 18 बच्चों की मौत की पुष्टि की है। इन दोनों देशों ने अपने यहां बच्चों की मौत के लिए एक भारतीय दवा कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है।

उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है Uzbekistan में 18 बच्चों की मौत एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित कफ सिरप पीने की वजह से हुई है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, फार्मास्यूटिकल कंपनी मैरियन बायोटेक (Marion Biotech pvt Ltd) को साल 2012 में उनके देश में रजिस्टर्ड किया गया था। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सूत्र बताते हैं कि इस कंपनी द्वारा बनाए गए 'डॉक-1 मैक्स' (Dok-1 Max) सिरप मौजूदा वक्त में भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा।

गाम्बिया के दावों की अभी तक पुष्टि नहीं

गाम्बिया ने बीते अक्टूबर में आरोप लगाया था कि भारत में बने सिरप से उनके यहां 66 बच्चों की मौत हुई थी। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि भारतीय कंपनी द्वारा निर्मित 'कफ सिरप' पीने से ही बच्चों की मौत हुई थी। केंद्र सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया। भारत सरकार ने जांच के लिए एक कमेटी भी गठित की। डिंग नेशनल कमेटी ऑन मेडिसिन के वाइस चेयरमैन डॉ. वाई के गुप्ता की अध्यक्षता में इस कमेटी का गठन किया गया। जांच रिपोर्ट आने तक कंपनी का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया था।

संसद में सरकार ने दिया था जवाब

गाम्बिया में कथित तौर पर भारत में निर्मित कफ सिरप (Cough Syrup Made in India) से बच्चों की मौत पर सरकार ने संसद में जानकारी दी थी। बताया था कि, मेडेन फार्मास्यूटिकल्स (Maiden Pharmaceuticals Ltd) की खांसी की दवाई के नमूने मानक गुणवत्ता वाले पाए गए हैं। रसायन तथा उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा (Bhagwanth Khuba) ने 13 दिसंबर 2022 को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया था, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने राज्य औषधि नियंत्रक के सहयोग से सोनीपत में मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की एक संयुक्त जांच की थी।

नेपाल ने भी 16 भारतीय दवा कंपनियां बैन की

गाम्बिया और उज्बेकिस्तान ही नहीं नेपाल भी भारतीय कंपनियों पर आरोप लगा चुका है। नेपाल ने 16 भारतीय दवा कंपनियों से दवा के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। अफ्रीकी देशों (African countries) में भी खांसी के सिरप से बच्चों की मौत हुई थी। जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने खांसी से जुड़ी दवाइयों को लेकर चेतावनी जारी की थी। WHO के अलर्ट के बाद नेपाल ने 16 भारतीय कंपनियों से दवा आयात को बैन कर दिया। नेपाल दवा नियामक प्राधिकरण द्वारा जारी इस सूची में भारत की कई बड़ी दवा कंपनियों के नाम शामिल हैं। नेपाल के ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग की सूची में दिव्य फार्मेसी का नाम भी शामिल है। बता दें, दिव्य फार्मेसी योग गुरु रामदेव के पतंजलि प्रोडक्ट को बनाता है।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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