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Pakistan New PM: शहबाज शरीफ दूसरी बार बने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
Pakistan New PM: आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे पाकिस्तान में शहबाज शरीफ ने एक बार फिर देश की बागडोर संभाली है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई।
Pakistan New PM: पाकिस्तान में सोमवार को शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने दूसरी बार देश की बागडोर संभाली है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ऐवान-ए-सदर (राष्ट्रपति भवन) में आयोजित एक समारोह में उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में तीनों सेनाओं के प्रमुखों, वरिष्ठ अधिकारियों, राजनयिकों, प्रमुख उद्योगपतियों, नागरिक समाज और मीडिया संगठनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया। कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर भी इस मौके पर मौजूद थे। समारोह का शुभारंभ पवित्र कुरान के पाठ के साथ हुआ। जिसके बाद शहबाज शरीफ ने देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
नवाज और मरियम रहे मौजूद
शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे। बता दें कि शहबाज शरीफ इससे पहले अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
अल्वी ने शपथ दिलाने से किया था इनकार
राष्ट्रपति अल्वी ने 2022 में शहबाज शरीफ को शपथ दिलाने से इनकार कर दिया था। तब सीनेट के अध्यक्ष के सादिक संजरानी ने उन्हें पद की शपथ दिलाई थी। अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान की सरकार को गिराने के बाद शहबाज पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। राष्ट्रपति बनने से पहले अल्वी इमरान की पीटीआई पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं।
स्पष्ट बहुमत नहीं जुटा पाई पीएमएल-एन
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच सत्ता साझेदारी पर सहमति बनने के कुछ दिनों बाद शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है। रविवार को शहबाज शरीफ ने विपक्ष की नारेबाजी के बीच नवनिर्वाचित संसद में बहुमत हासिल कर लिया। पीएमएल-एन और पीपीपी के उम्मीदवार शहबाज को 336 सदस्यी संसद में 201 वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उमर अयूब खान को केवल 92 वोट मिले। मतदान में हेराफेरी के आरोपों के बीच आठ फरवरी को हुए चुनाव में पीएमएल-एन स्पष्ट बहुमत नहीं जुटाई पाई थी। पार्टी को 75 सीटों पर विजय मिली थी।