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शांति का नोबेल 2021: फिलीपीन्‍स और रूस के पत्रकारों को 'अभिव्यक्ति की आजादी' के लिए मिला पुरस्कार 

मारिया रेस्सा फिलीपींस की पत्रकार हैं। वह रैप्लर मीडिया ग्रुप की संस्थापक भी हैं। जबकि दूसरे पत्रकार रूस के दिमित्री मुरातोव हैं।

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Report amanPublished By Divyanshu Rao
Published on: 8 Oct 2021 6:40 PM IST
शांति का नोबेल 2021: फिलीपीन्‍स और रूस के पत्रकारों को अभिव्यक्ति की आजादी के लिए मिला पुरस्कार 
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शांति का नोबेल 2021  विजेता दिमित्री मुरातोव और मारिया रेसा की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया) 

ओस्लो: साल 2021 के शांति के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। नोबेल कमेटी ने इस बार इस सम्मान के लिए दो पत्रकारों को चुना है। ये हैं फिलीपीन्‍स की पत्रकार मारिया रेस्‍सा और रूस के दमित्री मुरातोव। इन दोनों विजेताओं के नामों की घोषणा करते हुए नोबेल कमेटी ने कहा, कि 'अभिव्यक्ति की आजादी' के लिए दोनों पत्रकारों के प्रयास सराहनीय रहे हैं। इसी को देखते हुए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया है। कमेटी ने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी किसी भी लोकतंत्र के लिए अहम होता है।

बता दें कि मारिया रेस्सा फिलीपींस की पत्रकार हैं। वह रैप्लर मीडिया ग्रुप की संस्थापक भी हैं। जबकि दूसरे पत्रकार रूस के दिमित्री मुरातोव हैं। इस मौके पर नोबेल कमेटी ने कहा कि स्‍वतंत्र और मुक्त तथा तथ्यों पर आधारित पत्रकारिता सत्ता के दुरुपयोग, झूठ और युद्ध दुष्प्रचार से रक्षा करता है। नार्वे की संस्था का कहना था कि अभिव्यक्ति की आजादी और सूचना की स्वतंत्रता आम आदमी को जागरूक बनाती है। और यह लोकतंत्र के लिए पहली शर्त है। यही युद्ध तथा संघर्ष में हमारी रक्षा करती है। कमेटी ने कहा कि मारिया रेस्सा और दमित्री मुरातोव को यह पुरस्कार दिया जाना, इन्हीं मूल अधिकारों की रक्षा करने के महत्व को दर्शाता है।

कौन हैं मारिया रेसा? (Kon Hai Maria Ressa)

फिलीपींस मूल की अमेरिकी पत्रकार मारिया रेस्सा न्यूज साइट रैप्लर मीडिया की संस्थापक हैं। मारिया को फिलीपींस में सत्ता की ताकत के गलत इस्तेमाल और तानाशाही के बढ़ते खतरे पर खुलासों के लिए पूर्व में भी सम्मानित किया जा चुका है। मारिया रेस्‍सा को फिलीपीन्‍स के राष्ट्रपति की कट्टर आलोचक माना जाता रहा है। मारिया को हाल ही में एक फैसले में छह साल कैद की सजा सुनाई गई थी। इस फैसले को देश में 'प्रेस की स्वतंत्रता' को बड़ा झटका माना गया था। फिलीपीन्‍स की राजधानी मनीला की कोर्ट ने ऑनलाइन समाचार साइट रैप्लर इंक की मारिया रेस्सा और पूर्व रिपोर्टर रेनाल्डो सैंटोस जूनियर को एक अमीर कारोबारी की मानहानि का दोषी पाया था।

मारिया रेसा की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

हालांकि रेस्सा ने कोर्ट के फैसले के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने अपने ऑनलाइन प्रकाशन में इसे बस समाचार की तरह लापरवाही से प्रकाशित किया था। तथ्यों की जांच किए बिना कि वह सही है या नहीं। यह फैसला मेरे लिए सदमा पहुंचाने वाला है। क्योंकि यह कहा जा रहा है कि रेप्लर और हम गलत हैं।

दिमित्री मुरातोव (Dmitry Muratov)

इस साल शांति का नोबेल पुरस्कार पाने वाले दूसरे पत्रकार हैं, दमित्री मुरातोव (Dmitry Muratov)। इन्हें रूस में अभिव्यक्ति की आजादी को बुलंद करने वाले के रूप में जाना जाता है। दिमित्री रूसी अखबार 'नोवाया गजेटा' के संपादक हैं। कहा जाता है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शासनकाल में केवल उनका ही अखबार ऐसा है, जो सरकार के खिलाफ आवाज उठाता रहा है। इनके अखबार ने राष्ट्रपति पुतिन की सरकार में भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के कई मामलों का खुलासा किया है। दिमित्री बीते 24 साल से अपने अख़बार के संपादक हैं। नोबेल कमेटी ने कहा कि मुरातोव कई दशकों से रूस में अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा कर रहे हैं।

दिमित्री मुरातोव की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

उल्लेखनीय है कि नोबेल शांति पुरस्कार किसी वैसे संगठन या व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने राष्ट्रों के बीच भाईचारे, सदभाव और बंधुत्व को बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ काम किया हो। पिछले साल यह पुरस्कार 'विश्व खाद्य कार्यक्रम' को दिया गया था।



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Divyanshu Rao

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