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Bangladesh Currency: बांग्लादेश करेंसी नोटों से शेख मुजीब की फोटो हटेगी, हसीना के भाषणों पर बैन
Bangladesh Currency: बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, बांग्लादेश बैंक जुलाई में हुए विद्रोह की याद में नए नोट छाप रहा है जिसमें शेख मुजीब की जगह विद्रोह की फोटो छपी होगी।
Bangladesh Currency: शेख हसीना की सरकार पलटने के चंद महीनों बाद अब बांग्लादेश ने अपने करेंसी नोटों से शेख मुजीबुर रहमान की फोटो हटाने का काम शुरू किया है। शेख हसीना के पिता शेख मुजीब बांग्लादेश देश के संस्थापक और मुक्ति संग्राम के हीरो हैं लेकिन बदलती राजनीति में उन्हीं को विलेन बना दिया गया है। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, बांग्लादेश बैंक जुलाई में हुए विद्रोह की याद में नए नोट छाप रहा है जिसमें शेख मुजीब की जगह विद्रोह की फोटो छपी होगी। केंद्रीय बैंक के अनुसार, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले अंतरिम प्रशासन के निर्देशों के तहत 20, 100, 500 और 1,000 टका के नोटों के नए डिजाइन डेवलप किए जा रहे हैं।
बंगबंधु गायब
नए नोटों में बंगबंधु शेख मुजीब की बजाय धार्मिक स्थलों, बंगाली सांस्कृतिक रूपांकनों और विद्रोह से संबंधित भित्तिचित्रों को दर्शाया जाएगा। बांग्लादेश बैंक की कार्यकारी निदेशक हुस्नेरा शिखा ने कहा है कि, "हमें उम्मीद है कि छह महीने के भीतर नए नोट प्रचलन में आ जाएँगे।" केंद्रीय बैंक और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मुजीबुर रहमान की फोटो मौजूदा नोटों से भी हटा दी जाएगी।बांग्लादेश के वित्त मंत्रालय ने सितंबर में एक विस्तृत डिज़ाइन प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।
राष्ट्रपिता के रूप में मुजीबुर रहमान की विरासत को विरोध प्रदर्शनों के बाद से काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है। हसीना के भारत भाग जाने के बाद अशांति के दौरान उनकी मूर्तियों, स्मारकों, फोटो आदि किसी भी चिन्ह को निशाना बनाया गया है। अब नोटों से उन्हें हटाने की तैयारी है।
हसीना के भाषण पर बैन
इस बीच बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना के भाषणों को मुख्यधारा के मीडिया और सोशल मीडिया नेटवर्क में प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। ये न्यायाधिकरण मानवता के खिलाफ अपराधों के कई आरोपों पर उन पर मुकदमा चलाने वाला है। यह आदेश हसीना के हालिया भाषण के बाद आया है, जो 5 अगस्त को भारत भागने के बाद उनका पहला सार्वजनिक संबोधन था, जिसमें उन्होंने देश के अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस पर तीखा हमला किया था, उन पर "नरसंहार" करने और हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया था।