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बर्फ में भयानक आग: आने वाली तबाही का है ये संकेत, खौफ में दुनियाभर के वैज्ञानिक
ऐसी जगह जहां तापमान कंपाने क्या जमा के गला देने वाला यानी -68 डिग्री सेल्सियस तक जाने का रिकार्ड है, आज उस जगह से ठंड तो छोड़ों आग की लपटे निकल रही हैं।
नई दिल्ली। धरती में जब कुछ नए हैरान कर देने वाले परिवर्तन होते हैं तो खतरे का अलर्ट बजने लगत है। धरती की ऐसी जगह जहां तापमान कंपाने क्या जमा के गला देने वाला यानी -68 डिग्री सेल्सियस तक जाने का रिकार्ड है, आज उस जगह से ठंड तो छोड़ों आग की लपटे निकल रही हैं। यहां का तापमान इतना ज्यादा बढ़ गया, जितना आज तक कभी नहीं बढ़ा। इस जगह का रिकार्ड है कि ये जगह हमेशा बर्फ से ही घिरी रहती थी, लेकिन वही आज आग से घिरी हुई है। इस जगह पर चारों तरफ बर्फ, ठंडे समुद्र की लहरें हैं। लेकिन इसकी जमीन पर बसे जंगलों में आग लगी है। आग से धुएं के बादल कई किलोमीटर तक आसमान में फैले हुए हैं। तो इसे देखते हुए वैज्ञानिक बुरी तरह परेशान हैं।
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जहां सबसे ज्यादा सर्दी वहां निकल रही आग
बता दें, धरती की ये जगह साइबेरिया के पूर्वी इलाके में स्थित रूस का वर्खोयान्स्क कस्बा है। यहां पर 20 जून को इतिहास का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया है। उस दिन का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस था। हैरानी की बात तो ये है कि यही वो जगह हैं जहां सबसे ज्यादा सर्दी पड़ती है। यहां पारा -67 तक चला जाता है।
हालातों को देखते हुए दुनियाभर के वैज्ञानिक चिंताग्रस्त हैं। नासा गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज के निदेशक गैविन स्मिट ने बताया कि आर्कटिक के इस क्षेत्र में तापमान का इतना बढ़ जाना ठीक नहीं है।
इस बारे में गैविन स्मिट ने बताया कि बीते 100 सालों के आंकड़ें देखें तो इस इलाके में तापमान में औसत बढ़ोतरी 3 डिग्री सेल्सियस थी। लेकिन लगता है इस सदी में यह रिकॉर्ड भी टूट जाएगा।
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लार्च नाम के पेड़ सबसे ज्यादा जल रहे
साइबेरिया का वर्खोयान्स्क के जंगलों में आग लगी है। ये आग 10.3 हजार हेक्टेयर से ज्यादा बड़े इलाके में लगी हुई है। इस इलाके में पाए जाने लार्च नाम के पेड़ सबसे ज्यादा जल रहे हैं। लगभग 1768 क्यूबिक मीटर लार्च जल चुके हैं।
वर्खोयान्स्क के जंगलों में लगी आग से साइबेरियाई इलाकों के आसमान में गहरे रंग का धुआं फैला हुआ है जो अंतरिक्ष से भी दिखाई दे रहा है। इसे यूरोपियन स्पेस एजेंसी, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा समेत रूस के मौसम विभाग ने भी रिकॉर्ड किया है।
इसी सिलसिले में वर्ल्ड मेटेरियोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन ने कहा है कि हमने साइबेरिया के इलाके में बढ़े हुए तापमान को दर्ज किया है। वाकई में ये काफी भयानक है। आर्कटिक क्षेत्र में इतना ज्यादा तापमान बीते कई दशकों में नहीं गया। यह ग्लोबल वार्मिंग और धरती के अंदर धधक रही आग का ही परिणाम है।
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