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आतंकी निज्जर को कनाडा की संसद में मौन श्रद्धांजलि, और खराब होते रिश्ते
Hardeep Singh Nijjar: हरदीप सिंह निज्जर को पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देने और संबंधित आतंकवादी कृत्यों के लिए भारत द्वारा आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था।
Hardeep Singh Nijjar: कनाडा ने एक बार फिर भारत विरोधी रुख प्रदर्शित किया है। ताज़ा मामले में कनाडा की संसद ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत की सालगिरह मनाने के लिए 18 जून को मौन रखा। यह कदम ठीक उसी तरह है जब पाकिस्तान ने अपनी नेशनल असेंबली के मंच का इस्तेमाल कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी को सम्मानित करने के लिए किया था।
हरदीप सिंह निज्जर को पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देने और संबंधित आतंकवादी कृत्यों के लिए भारत द्वारा आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था। वह खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का प्रमुख था, जिसे पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के गुरुद्वारा के बाहर कनाडा के सरे में कुछ हमलावरों ने गोली मार दी थी।
भारत ने आपत्ति जताई
एक आतंकी को श्रद्धांजलि देने के कनाडा के कदम के आलोक में कनाडा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने 1985 में एयर इंडिया कनिष्क विमान पर खालिस्तानी बमबारी में मारे गए 329 लोगों की याद में एक स्मृति सभा करने की घोषणा की है। यह सभा 23 जून को आयोजित की जाएगी। भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने कहा है कि - भारत आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने में सबसे आगे है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करता है। 23 जून 2024 को एयर इंडिया की फ्लाइट 182 में कायरतापूर्ण आतंकवादी बम विस्फोट की 39वीं वर्षगांठ है, जिसमें 86 बच्चों सहित 329 निर्दोष लोगों ने नागरिक उड्डयन के इतिहास में सबसे जघन्य आतंकवाद संबंधी हवाई हमले में अपनी जान गंवा दी थी।
क्या हुआ सदन में
निज्जर की “हत्या” पर सदन में टिप्पणी की घोषणा स्पीकर ग्रेग फर्गस ने पार्टी लाइनों के पार एक सहमति के बाद की। खालिस्तान समर्थक तत्वों ने भी इस दिन को चिह्नित किया। कई लोग एक साल पहले निज्जर की हत्या का विरोध करने के लिए वैंकूवर में भारत के वाणिज्य दूतावास के सामने एकत्र हुए थे। सिख फॉर जस्टिस के महासचिव गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा, “भारतीय मंत्री और राजनयिक जो कनाडाई न्याय से बच जाएंगे, उन्हें निश्चित रूप से खालसा न्याय का सामना करना पड़ेगा क्योंकि खालिस्तान समर्थक सिख अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत निज्जर के हत्यारों को पकड़ कर रहेंगे। उन्होंने कहा, आप कुछ समय के लिए राजनयिक प्रतिरक्षा के पीछे छिप सकते हैं, लेकिन जीवन भर के लिए सुरक्षित नहीं रह सकते।
खराब होते रिश्ते
भारत और कनाडा के बीच संबंध कई वर्षों से खालिस्तानी समर्थन के चलते तनावपूर्ण होते चले जा रहे हैं। पिछले साल यह तब और बिगड़ गये जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। तब से संबंधों को फिर से बेहतर बनाने के प्रयास ठंडे बस्ते में हैं। ट्रूडिया ने हाल ही में कहा था कि भारत और कनाडा कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहयोग करेंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वे मुद्दे क्या हैं।