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Solar Flare: सूर्य के सतह पर विस्फोट के कारण दुनिया में हुआ रेडियो ब्लैकआउट, क्या बोले वैज्ञानिक
Radio Blackout : रविवार को सूर्य की सतह पर विस्फोट (Solar Flare) के कारण उत्पन्न फ्रीक्वेंसी ने सोमवार को दुनिया के दो महाद्वीपों में रेडियो सिग्नल को बुरी तरह प्रभावित किया।
Solar Flare : सौरमंडल में साल 2022 के शुरू होते ही कई तरह के हलचल देखने को मिले हैं। अभी कुछ दिन पहले ही सौर मंडल की ओर से आए भू-चुंबकीय तूफान (Geomagnetic Storm) की वजह से धरती के कई हिस्सों में हलचल देखने को मिली। वहीं बीते रविवार को सूर्य की सक्रियता सौर चक्र में कुछ ज्यादा देखने को मिली। बीते दिन सोलर फ्लेयर (Solar Flare) आने के कारण एशिया और ऑस्ट्रेलिया के बहुत से हिस्सों में रेडियो ब्लैकआउट (Radio Blackout) के संकट से लोगों को जूझना पड़ा। सोलर प्लेयर के कारण ऑस्ट्रेलिया और एशिया के बहुत से क्षेत्रों में संस्थानों और आम नागरिकों को कई तकनीकी गड़बड़ियों का सामना करना पड़ा।
सौर गतिविधियां बढ़ी
वैज्ञानिकों के मुताबिक हाल के कुछ महीनों में सौर गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। एक और जहां पिछले हफ्ते सोलर स्टॉर्म का धरती से टक्कर होने के बाद कुछ क्षेत्रों में बिजली के ब्लैकआउट का मामला सामने आया था। वहीं कल सोलर फ्लेयर पैदा होने के कारण दक्षिण पूर्वी एशिया और ऑस्ट्रेलिया के बहुत हिस्सों में रेडियो सिगनल पूरी तरह से ध्वस्त हो गयीं। वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले कुछ वक़्त में सौर गतिविधियां अभी और ज्यादा बढेंगी। जिसके कारण आने वाले कुछ हफ्तों में ही कई सोलर फ्लेयर के पैदा होने की संभावना है।
सूर्य की सतह पर भड़का सोलर फ्लेयर
सौर गतिविधियां बढ़ने के कारण रविवार को सूर्य की सतह पर एक सोलर फ्लेयर भड़का। जिसके कारण उत्पन्न शॉर्टवेव से दक्षिण पूर्वी एशिया और ऑस्ट्रेलिया में कई हिस्सों में रेडियो सिग्नल पर इसका बुरा प्रभाव देखने को मिला। इन क्षेत्रों में रेडियो फ्रिकवेंसी ने कुछ देर के लिए पूरी तरह काम करना बंद कर दिया। जिसके कारण रेडियो ब्लैकआउट की समस्या पैदा हो गई। इस सौर गतिविधि पर नासा (NASA) के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने कहा, "फ्लेयर से एक्स-रे की एक पल्स ने दक्षिण-पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में एक मजबूत शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट का उत्पादन किया, एक्स 1-क्लास सोलर फ्लेयर सूर्य के सक्रिय सतह पर रिकॉर्ड किया गया।
SWPC के अधिकारियों ने कहा कि फ्लेयर X1.1-श्रेणी के सूर्य तूफान के रूप में दर्ज किया गया और लगभग 34 मिनट तक चला। SWPC के अनुसार, फ्लेयर उसके 2994 और 2993 क्षेत्रों से उत्पन्न हुआ जो सक्रिय सनस्पॉट का एक समूह है जिसने सूर्य के पूर्वी भाग पर चमक पैदा की थी।
क्या है सोलर फ्लेयर?
सोलर फ्लेयर सूर्य के गतिविधियों के द्वारा उत्पन्न एक स्थिति है। जिसका जन्म तब होता है जब सूर्य की किसी सतह पर तीव्रता के साथ अचानक से एक शक्तिशाली विस्फोट होता है। जब लंबे वक्त तक सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र से कोई उर्जा नहीं निकलती है तो कुछ वक्त बाद वह इकट्ठा होकर अचानक विस्फोट कर जाती है। जिसके कारण पूरे सौरमंडल में रेडिएशन फैल जाता है। इस रेडिएशन में एक्स-रे और गामा रे शामिल होती है। इसके कारण अंतरिक्ष में तैर रहे बहुत शुरू करें तथा रेडियो फ्रिकवेंसी पर बुरा प्रभाव पड़ता है।