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महाशक्तिशाली सौर तूफान बढ़ रहा पृथ्वी की ओर, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, तबाह हो सकता है यह सब

हमारा सौर मंडल अनेक रहस्यों से भरा है। कई रहस्यों को आज तक विज्ञान भी नहीं समझ सका है।

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Newstrack NetworkPublished By Shweta
Published on: 10 July 2021 6:00 PM IST (Updated on: 10 July 2021 6:01 PM IST)
कॉन्सेप्ट फोटो
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कॉन्सेप्ट फोटो सोशल मीडिया

हमारा सौर मंडल अनेक रहस्यों से भरा है। कई रहस्यों को आज तक विज्ञान भी नहीं समझ सका है। अंतरिक्ष और खगोलीय घटनाएं अभी इंसान और विज्ञान से परे हैं। आपको बता दें कि इसी घटना क्रम में एक तूफान तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह शक्तिशाली तूफान 1609344 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हमारे पृथ्वी ग्रह की ओर आगे बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह सौर तूफान रविवार या सोमवार के दिन किसी भी वक्त हमारे ग्रह से टकरा सकता है।

वैज्ञानिकों ने चेतावनी भी दी है कि यह सौर तूफान सैटेलाइट सिग्नलों में रुकावट का कारण बन सकता है। इस घटना से रेडियो सिग्नल, विमानों की उड़ान, कम्यूनिकेशन और मौसम आदि सभी प्रभावित हो सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी नासा की गणना के मुताबिक ये सौर तूफान 1609344 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से हमारी ओर बढ़ रहा है। नासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी रफ्तार और भी तेज हो सकती है। इन मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अंतरिक्ष से यह महातूफान आता है तो धरती के लगभग हर शहर से बिजली गुल होने की संभावना है।

मौसम की जानकारी देने वाले एक वेबसाइट के अनुसार, सूर्य के वायुमंडल से जन्मे इस तूफान के कारण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव वाले अंतरिक्ष के एक भाग में काफी असहजता देखने को मिल सकता है। दक्षिणी या पूर्वी अक्षांशों के निवासी रात में एक सुंदर और तेज रोशनी भी देख सकते हैं।

कॉन्सेप्ट फोटो ( फोटो सोशल मीडिया)

आइए जाने तूफान के कारण क्या असर होगा पृथ्वी पर

इस सौर तूफान के कारण पृथ्वी का बाहरी वायुमंडल गर्म पड़ सकता है। इसका सीधा असर चारो ओर घूम रहे सैटलाइट्स पर पड़ेगा। इस कारण जीपीएस नेविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में भरी रुकावट देखी जा सकती है। इलेक्ट्रिसिटी के तार में हाई करंट हो सकता है। जिस कारण ट्रांसफॉर्मर भी उड़ सकते हैं। आमतौर पर ऐसा कम देखने को मिलता है क्योंकि धरती का चुंबकीय क्षेत्र इसके खिलाफ एक सुरक्षा आवरण का काम करता है। इसके साथ ही पूरी दुनिया कंप्यूटर पर आश्रित हो गई है। इस दशा में पिछले तूफान की अपेक्षा इस बार का सौर तूफान का परिणाम कम भयावह हो सकता है। आपको बताते चले कि साल 1989 में आए सौर तूफान के कारण, कनाडा के क्यूबेक शहर में 12 घंटों के लिए बिजली चली गई थी। इस कारण लाखों लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा था।



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Shweta

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