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South Africa Power Crisis: साउथ अफ्रीका में जबर्दस्त बिजली संकट, राष्ट्रपति ने आपदा घोषित की
South Africa Power Crisis: साउथ अफ्रीका में इसके पहले कोरोना के चलते आपदा की स्थिति घोषित थी जिसे 10 महीने पहले ही हटाया गया था।
South Africa Power Crisis: साउथ अफ्रीका में बिजली का इतना भारी संकट हो गया है कि राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने "आपदा की स्थिति" की घोषणा कर दी है। साउथ अफ्रीका में इसके पहले कोरोना के चलते आपदा की स्थिति घोषित थी जिसे 10 महीने पहले ही हटाया गया था।
राष्ट्रपति की घोषणा
केप टाउन में अपने वार्षिक स्टेट ऑफ द नेशन संबोधन के दौरान राष्ट्रपति रामाफोसा ने यह भी घोषणा की कि बिजली संकट मामले से अधिक प्रभावी ढंग से और तत्काल निपटने के लिए एक बिजली मंत्री नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नए मंत्री राष्ट्रीय ऊर्जा संकट समिति के काम सहित बिजली संकट के सभी पहलुओं की देखरेख के लिए पूरी जिम्मेदारी संभालेंगे।
देश के लिए खतरा
राष्ट्रपति ने कहा कि - ऊर्जा संकट हमारी अर्थव्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने के लिए एक संभावित खतरा है। हमें इन उपायों को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए और हमें कोई देरी नहीं होने देनी चाहिए।रामाफोसा ने संसद में कहा, "हमारे देश ने कई महीनों तक बिजली की भारी कमी का सामना किया है, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है।
भ्रष्ट व्यवस्था
एक दशक से अधिक समय से बड़े पैमाने पर लूटपाट और भ्रष्टाचार के बीच आर्थिक रूप से अपंग, एकमात्र बिजली आपूर्तिकर्ता सरकारी कंपनी 'एस्कॉम' गहरे संकट में है। बिजली स्टेशनों पर नियमित रूप से बड़े पैमाने पर ब्रेकडाउन के कारण अभूतपूर्व लोड शेडिंग हुई है, घरों और व्यवसायों को दिन में 12 घंटे तक के लिए निर्धारित ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा - हम जानते हैं कि बिजली की एक विश्वसनीय आपूर्ति के बिना एक समावेशी अर्थव्यवस्था की दिशा में हमारे प्रयास जो रोजगार पैदा करते हैं और गरीबी को कम करते हैं, सफल नहीं होंगे। हमारी सबसे तात्कालिक प्राथमिकता ऊर्जा सुरक्षा बहाल करना है," राष्ट्रपति ने "आपदा की स्थिति" का विवरण देते हुए कहा जो तुरंत प्रभावी हो गया है।
क्या है योजना
आपदा से निपटने की योजना को पूरी तरह लागू करने के लिए राष्ट्रपति ने एक मजबूत केंद्रीय समन्वय और निर्णायक कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि "आपदा की स्थिति" लागू करने से सरकार अस्पतालों और जल संयंत्रों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को लोड शेडिंग से मुक्त करने में सक्षम होगी।
पानी की सप्लाई
देश के बड़े हिस्से भी कभी-कभी कई दिनों तक पानी नहीं मिलता है। क्योंकि लोड शेडिंग के दौरान पंपिंग बुनियादी ढांचा काम नहीं कर सकता है। दरअसल, साउथ अफ्रीका में बिजली चोरी, निकम्मे कर्मचारी और भ्रष्टाचार के चलते पूरी बिजली व्यवस्था का भट्ठा बैठ गया है। अब जा कर निजी क्षेत्र की भागीदारी की बात शुरू हुई है।