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काठमांडू में नेपाली तकनीक वाला दक्षिण एशिया का पहला डिजिटल रोबोटिक रेस्त्रां

Manali Rastogi
Published on: 27 Aug 2018 6:57 AM GMT
काठमांडू में नेपाली तकनीक वाला दक्षिण एशिया का पहला डिजिटल रोबोटिक रेस्त्रां
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काठमांडू: नेपाल के लडके लड़कियों को भारत के होटलो और ढाबो में आकर काम करना सामान्य बात है। नेपाल में उनके लिए रोजगार नहीं है। कांछा और बहादुर जैसे नामो से बुलाये जाने वाले नेपाली लड़को को भारत के हर शहर में होटलो में या घरो में काम करते देखा जा सकता है। लेकिन यह नेपाल के लिए गर्व की बात है कि उस देश के छह लड़को ने मिल कर एक ऐसा रेस्त्रां खोला है जिसमे बहादुर और कांछा नहीं बल्कि उच्च तकनीक वाले रोबोट काम कर रहे हैं।

नाउलो रेस्त्रां में काम कर रहे पांच रोबोट्स

जी हां। काठमांडू में स्थापित नाउलो रेस्त्रां दक्षिण एशिया का पहला डिजिटल रोबोटिक रेस्त्रां है। इसमें अभी कुल 5 रोबोट्स काम करते हैं। कस्टमर्स के लिए यहां टेबल में ही डिजिटल मेन्यू लगाए गए हैं, जिन्हें पढ़कर वे आसानी से सीधे किचन को आॅर्डर दे सकते हैं। जैसे ही खाना तैयार होता है रोबोट्स काउंटर से उन्हें लेकर कस्टमर्स तक पहुंचा देते हैं।

सभी रोबोट्स नेपाल में ही बने

खास बात यह है कि ये सभी रोबोट्स नेपाल में ही बने हैं। इन्हें वही के 6 लड़कों के एक समूह ने बनाया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर काम करने वाले ये रोबोट ऑर्डर लेने, खाना परोसने के साथ-साथ नेपाली और अंग्रेजी में कस्टमर्स के साथ बातचीत भी कर सकते हैं। फिलहाल रेस्त्रां में इनकी हाजिरजवाबी और मजाकिया अंदाज को काफी पसंद किया जा रहा है।

भारत में पढ़ाई कर नेपाल में प्रयोग

नेपाल में रोबोट्स बनाने वाली कंपनी पाइला टेक्नोलॉजी को 6 लोगों ने मिलकर शुरू किया था। कंपनी के सीईओ बिनय राउत ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई भारत और ब्रिटेन से की है। राउत के मुताबिक, पढ़ाई पूरी करने के बाद वे रोबोट के डिजायन और ऑपरेशन को समझने के लिए चीन और जापान गए थे। इसके बाद ही उन्होंने रेस्त्रां खोलने और उनमें रोबोट को काम देने की सोची। राउत के मुताबिक, अब उनका लक्ष्य नेपाल की तकनीक को अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाना है।

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