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South Korea News: साउथ कोरिया खत्म कर रहा इंसानों का इंसानों से संपर्क

साउथ कोरिया सरकार की नीति है, जिसे कोरोना महामारी के बीच वर्ष 2020 में अपनाया गया था। इस नीति का उद्देश्य समाज में इंसानी संपर्क की परतों को हटा कर आर्थिक ग्रोथ को रफ्तार देना है। यह नीति कोरोना महामारी के दौरान परवान चढ़ी। अब हेल्थकेअर, बिजनेस और मनोरंजन के सेक्टरों में तेजी से फैल रही है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Deepak Kumar
Published on: 12 Dec 2021 9:49 PM IST
South Korea News: साउथ कोरिया खत्म कर रहा इंसानों का इंसानों से संपर्क
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South Korea News: कॉन्टैक्ट यानी संपर्क और इसका उलट है अनटैक्ट यानी संपर्कविहीन। अनटैक्ट एक नया शब्द है। इसे आगे बढ़ाया है साउथ कोरिया (South Korea) ने जो एक 'अनटैक्ट' समाज बना रहा है, जिसमें इंसानों का इंसानों से न्यूनतम संपर्क रहेगा।

अनटैक्ट दरअसल साउथ कोरिया सरकार (South Korea government) की नीति है , जिसे कोरोना महामारी के बीच वर्ष 2020 में अपनाया गया था। इस नीति का उद्देश्य समाज में इंसानी संपर्क की परतों को हटा कर आर्थिक ग्रोथ को रफ्तार देना है। यह नीति कोरोना महामारी के दौरान परवान चढ़ी। अब हेल्थकेअर, बिजनेस और मनोरंजन के सेक्टरों में तेजी से फैल रही है। संपर्कविहीन सेवाओं को आगे विस्तार देने का मकसद उत्पादकता बढ़ाना और ब्यूरोक्रेसी को कम करना है।

लेकिन साथ ही साथ इस कांसेप्ट के सामाजिक परिणामों को लेकर चिंताएं भी व्यक्त की जा रही हैं। समाजशास्त्रियों का कहना है कि अनटैक्ट समाज के विकास के फायदे तो हैं ही। लेकिन इससे समजिक एकजुटता को खतरा हर और इसका नतीजा लोगों के एकाकीपन के रूप में सामने आ सकता है। अगर ज्यादा लोग कॉन्टैक्ट यानी संपर्क का एहसास छोड़ देंगे तो समाज के सामने मूलभूत संकट खड़ा हो जाएगा।

दिखाई पड़ रहे बदलाव

साउथ कोरिया (South Korea) में रोजमर्रा के जीवन मे अनटैक्ट के जरिये लाये गए। छोटे-छोटे बदलाव अब ज्यादा सामने दिखने लगे हैं। कैफे में अब रोबोट कॉफी बनाते हैं। टेबल पर सर्व भी वही करते हैं। रेस्तरां में रोबोट चिकेन और फ्राइज तैयार करते दिखते हैं। योनगिन सेवेरांस हॉस्पिटल में 5 जी से चलने वाला रोबोट 'कीमी' हैंड सैनिटाइजर स्प्रे करता है, टेम्परेचर लेता है, सोशल डिस्टेंसिंग लागू करवाता है।॥लोगों को मास्क न पहनने पर टोकता भी है।

कर्मचारी विहीन दुकानें

ऐसी दुकानों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिनमें कर्मचारी नहीं होते या बहुत कम होते हैं। मोबाइल सेवा प्रोवाइडर एलजी यूप्लस (Mobile Service Provider LG Uplus) ने हाल ही में कई अनटैक्ट दुकानें खोली हैं, जिनमें कोई भी कर्मचारी नहीं है। फिर भी ग्राहक मोबाइल फोन के मॉडल पसंद कर सकते हैं, सेवा अनुबंध साइन कर सकते हैं और फोन खरीद सकते हैं। यहां सब काम मशीनों से होता है।

नागरिक सेवाएं

साउथ कोरिया (South Korea) में नागरिक सेवाएं भी अनटैक्ट होती जा रही हैं। राजधानी सीओल (Capital Seoul) में एक मेटावर्स बनाने की योजना है, जिसमें लोग असली लोगों के डिजिटल प्रतिनिधियों या अवतारों से मेलजोल करेंगे। अधिकारियों के ये डिजिटल नागरिकों की शिकायतों और समस्याओं का समाधान करेंगे। देश की कई स्थानीय सरकारों ने आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के जरिये कोरोना पीड़ितों के स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग करना शुरू किया है। यही नहीं एक सरकारी ऐप के जरिये मरीजों की स्थिति की निगरानी की जाती है। वीडियो द्वारा डॉक्टर से सलाह दिलाई जाती है।

मेटावर्स में के-पॉप यानी कोरियाई पॉप म्यूजिक की दुनिया भी उतर आई है। इसमें के-पॉप के प्रशंसक डिजिटल अवतार बना कर वर्चुअल स्पेस में अपने फेवरेट आर्टिस्टों से मिल सकते हैं और डिजिटल ऑटोग्राफ ले सकते हैं।

आर्थिक ग्रोथ

अन्य चीजों के आगे साउथ कोरिया (South Korea) में अनटैक्ट से आर्थिक गतिविधियों को एक बड़ा बूस्टर मिला है। साउथ कोरिया (South Korea) के लघु उद्योग व स्टार्टअप मंत्री क्वोन चिल सेंग (Minister Kwon Chil Seung) के अनुसार अनटैक्ट कंपनियों को पारंपरिक कंपनियों की अपेक्षा ज्यादा निवेश मिल रहा है। ज्यादा नौकरियां सृजित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के आलोक में अनटैक्ट एक तेजी से बढ़ता ग्लोबल ट्रेंड है। लघु उद्योग व स्टार्टअप इस नीति के बारे में इतनी संजीदा है कि वह एक अनटैक्ट ग्रोथ फंड में 7.6 अरब डॉलर डाल रही है जिसका मकसद 2025 तक 1200 अनटैक्ट स्टार्टअप्स को खोज कर उन्हें सपोर्ट करना है।

साउथ कोरिया (South Korea) में अनटैक्ट को बहुत पसंद भी किया जा रहा है। सीओल इंस्टीट्यूट (Seoul Institute) ने एक सर्वे में जाना है कि राजधानी के 80 फीसदी बाशिंदे जो सम्पर्कविहीन गतिविधियों में शामिल रहे हैं, वे महामारी खत्म होने के बाद भी ऐसा करना जारी रखेंगे।

ढेरों फायदे

समाजशास्त्रियों का कहना है कि अनटैक्ट के अनेक फायदे हैं। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के इस्तेमाल से लोगों को गोपनीयता मिलती है, लोग औपचारिकताओं के दबाव से मुक्त होते हैं और सर्विस इंडस्ट्री से जुड़ा भावनात्मक श्रम भी घटता है क्योंकि इंसानी सम्पर्क नहीं होता है। सर्विस इंडस्ट्री से जुड़ा भावनात्मक दबाव साउथ कोरिया (South Korea) में अत्यधिक है क्योंकि यहां ग्राहक सेवा को बहुत तरजीह दी जाती है, लोगों के सामाजिक लेवल का सम्मान बहुत मायने रखता है। इसके अलावा पावरफुल पोजीशनों का गालीगलौज भरा व्यवहार बहुत सामान्य सी बात है।

लेकिन समाजशास्त्रियों को अनटैक्ट से लोगों में एकाकीपन और सामाजिक विघटन की स्थिति पैदा होने का डर है। साउथ कोरिया में पहले से ही डिप्रेशन और अकेलेपन की समस्या काफी बढ़ रही है। ऐसे में अनटैक्ट किस दिशा में रिश्तों को ले जाएगा, ये देखने वाली बात है।

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Deepak Kumar

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