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Martial Law : दक्षिण कोरिया में लगा मार्शल लॉ, राष्ट्रपति ने कहा - संविधान की रक्षा के लिए यही विकल्प था
Martial Law : दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने आपातकालीन संबोधन में मार्शल लॉ की घोषणा की।
Martial Law : दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने मंगलवार को देश में 'इमरजेंसी मार्शल लॉ' की घोषणा की है। उन्होंने विपक्षी दलों पर उत्तर कोरिया का समर्थक और देश की संवैधानिक व्यस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने देश विरोधी ताकतों को खत्म करने का ऐलान किया है। राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद से राजनीति तनाव और बढ़ गया है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान मार्शल लॉ की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों से उत्पन्न खतरों से देश को बचाने के लिए और देश विरोधी ताकतों को समाप्त करने के लिए इस कदम को उठाया है। हमारे पास इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। हालांकि, उन्होंने इस स्थिति में उठाए जाने वाले उपायों को निर्दिष्ट नहीं किया।
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए ये जरूरी हो गया था। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने देश को संकट में डालने के इरादे से संसदीय प्रक्रिया को बंधक बना लिया है।
बजट पर बवाल के बाद हुई घोषणा
यह घोषणा तब अगले साल के लिए जारी होने वाले बजट पर बवाल के एक दिन बाद की गई है। दरअसल, सोमवार को दक्षिण कोरियाई मंत्रियों ने सरकार के बजट प्रस्ताव से 4 ट्रिलियन वॉन से अधिक की कटौती करने के विपक्ष के कदम का विरोध किया था। जिस पर यून ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई सरकार के आवश्यक कामकाज को कमजोर करती है।
उन्होंने अपने संबोधन में इस सप्ताह डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा पेश किए गए महाभियोग प्रस्ताव का भी हवाला दिया और कहा कि उनका कदम दक्षिण कोरिया के कुछ शीर्ष अभियोजकों पर महाभियोग चलाना और सरकार के बजट प्रस्ताव को अस्वीकार करना था।
वहीं, विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्यांग को संसद में बहुमत प्राप्त है। उन्होंने कहा था कि टैंक, बख्तरबंद कार्मिक वाहक और बंदूकों और चाकुओं वाले सैनिक देश पर शासन करेंगे। कोरिया गणराज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। मेरे साथी नागरिकों कृपया नेशनल असेंबली में आएं।