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फेल हुआ चीन का स्पेस मिशन, गिर रहा है सबसे बड़ा रॉकेट, आज टकराएगा पृथ्वी से
चीन की एक और बड़ी गलती दुनिया पर भारी पड़ने वाली है. चीन के फेल स्पेस मिशन का एक रॉकेट जमीन पर तेजी से गिर रहा है.
नई दिल्ली: चीन की एक और बड़ी गलती दुनिया पर भारी पड़ने वाली है. चीन के फेल स्पेस मिशन का एक रॉकेट जमीन पर तेजी से गिर रहा है. अनियंत्रित हो चुका है राकेट पृथ्वी के समुद्री इलाके में गिरेगा या किसी शहर में अभी पूरी तरह से तय नहीं है लेकिन वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि यह शनिवार की दोपहर में हिंद महासागर से लेकर अमेरिका तक कहीं भी गिर सकता है. अमेरिका में इसके शिकागो और न्यूयॉर्क के पास गिरने की आशंका है.
10 मंजिल वाले भवन से भी ज्यादा ऊंचा चीन का यह राकेट उसके स्पेस स्टेशन मिशन का हिस्सा है. इसे 29 अप्रैल को दक्षिण चीन स्थित व्हेनचांग स्पेस लांच सेंटर से छोड़ा गया है. चीन के सबसे बड़े रॉकेट लांग मार्च 5 बी का यह एक हिस्सा है जो अनियंत्रित होकर जमीन पर गिर रहा है. इसने अमेरिका समेत पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है. आमतौर पर जब भी कोई राकेट अपने स्पेस मिशन पर जाता है तो उसके बूस्टर हिस्से को नियंत्रित तरीके से वैज्ञानिक पृथ्वी के समुद्री इलाके में गिरा देते हैं लेकिन चीन के स्पेस मिशन की नाकामी की वजह से बूस्टर का यह बड़ा हिस्सा अनियंत्रित होकर सीधे जमीन की ओर आ रहा है . इसके शनिवार की आधी रात में जमीन पर पहुंचने की संभावना है. अभी यह तय नहीं है कि यह पृथ्वी के समुद्री इलाकों में गिरेगा या किसी देश की आबादी वाले हिस्से में. बूस्टर के गिरने पर नजर गड़ाए हुए द एयरोस्पेस कारपोरेशन ने बताया है कि चीन के इस राकेट के पृथ्वी पर गिरने की संभावना करंट यूटीसी यानी कोऑर्डिनेटेड यूनिवर्सल टाइम के अनुसार 9 मई 2021 को 3:43 है इस समय में 16 घंटे का अंतर आ सकता है. एजेंसी ने यह दावा भी किया है कि राकेट के गिरने का सही समय और लोकेशन का अनुमान अंतिम कुछ घंटों में ही हो पाएगा.
चीन के स्पेस मिशन पर उठे सवाल
चीन की ओर से अंतरिक्ष में भेजे गए राकेट के अनियंत्रित होकर पृथ्वी की ओर आने की घटना से पूरी दुनिया के वैज्ञानिक चिंतित हैं और चीन के स्पेस मिशन पर सवाल खड़े कर रहे हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि चीन का स्पेस मिशन सुरक्षित हाथों में नहीं है. वहां उटपटांग तरीके से काम किया जा रहा है दुनिया के सभी देश अंतरिक्ष में जब कभी राकेट भेजते हैं तो उसके बूस्टर के गिरने की पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित रखते हैं . चीन ऐसा नहीं कर रहा है. इससे पहले भी चीन का एक राकेट अनियंत्रित होकर पृथ्वी पर गिर चुका है लेकिन उससे कोई बड़ी तबाही नहीं हुई. यह पहला मौका है जब राकेट का एक बड़ा हिस्सा अनियंत्रित होकर सीधा पृथ्वी पर पहुंचने वाला है. स्पेस मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों ने इस घटना को भयानक लापरवाही करार दिया है. अमेरिका के एस्ट्रोफिजिसिस्ट जॉनाथन मैकडॉवेल ने मीडिया से कहा कि पिछले तीन दशक में केवल चीन ही ऐसा देश है जिसने अपने राकेट के हिस्सों को इधर-उधर गिराया है.
राकेट के पृथ्वी पर गिरने की घटना पर नजर बनाए हुए एयरोस्पेस कारपोरेशन के वैज्ञानिकों ने कहा है कि लोंग मार्च 5b बूस्टर 41.5 डिग्री नॉर्थ लेटीट्यूड और 41.5 डिग्री साउथ लेट्टीट्यूड के बीच गिर सकता है इसका मतलब यह कहीं शिकागो के पास हो सकता है अगर ऐसा हुआ तो इसका मलबा न्यूयॉर्क को भी प्रभावित करेगा। एजेंसी ने यह भी संभावना जताई है कि राकेट का मलबा उत्तर पूर्वी अफ्रीका यानी सूडान के आसपास भी गिर सकता है। हालांकि अभी यह पूर्वानुमान है अंतिम कुछ घंटों में ही यह तय हो पाएगा कि यह कहां पर गिरेगा। क्योंकि इसके गिरने में 16 घंटे का बड़ा अंतराल है इसलिए अनिश्चित से ज्यादा बड़ी है कि यह कहां गिरेगा। बूस्टर की जमीन पर पहुंचने की गति और हवाओं की रफ्तार को देखकर ही अंतिम समय में तय किया जाएगा एक संभावना यह भी व्यक्त की जा रही है कि यह हिंद महासागर में कहीं गिर सकता है। अमेरिका और रूस दोनों की स्पेस एजेंसी फिलहाल चीन के राकेट के पृथ्वी पर पहुंचने पर नजर बनाए हुए हैं रूस ने अपने एक बयान में कहा है कि राकेट के पृथ्वी में पुनः प्रवेश से रूस की सीमा पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
18000 मील प्रति घंटा की है रफ्तार
वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी पर गिरने वाले चीन के राकेट का हिस्सा बूस्टर 18000 मील प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्वी की ओर आ रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह चीन के स्पेस मिशन की नाकामी है। वह राकेट को ठीक तरह से डिजाइन नहीं कर सके। उन्हें बूस्टर हिस्से में एक और इंजन लगाना चाहिए था जिसे अंतिम समय पर स्टार्ट कर उसकी गिरने की दिशा और स्पीड को नियंत्रित किया जा सकता था।
चीन कर रहा है अन्य राकेट छोड़ने की तैयारी
अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े वैज्ञानिकों के अनुसार चीन इस तरह के अन्य कई राकेट छोड़ने की तैयारी कर रहा है वह अंतरिक्ष में अपना तीसरा स्पेस स्टेशन बनाने की प्रक्रिया में है। इसके लिए उसे बहुत सारे उपकरण और टेक्नोलॉजी स्पेस स्टेशन तक भेजनी है 29 अप्रैल को भी जो राकेट भेजा गया उसका मकसद स्पेस स्टेशन के लिए विभिन्न उपकरणों को ले जाना था लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि अगर चीन इसी तरह से स्पेस मिशन में लापरवाही करता रहा तो आने वाले दिनों में दुनिया को कुछ और अनियंत्रित राकेट के जमीन पर गिरने के लिए तैयार रहना होगा।